नगला से हासिल किये 86.61 प्रतिशत मत, होंगे सबसे कम उम्र के नगर पालिका अध्यक्ष
न्यूज प्रिन्ट, रुद्रपुर। आजादी के बाद से तराई की राजनीति में सक्रिय पंडित राम सुमेर शुक्ल की तीसरी पीढ़ी क्षेत्रीय राजनीति में स्थापित हो चुकी है। शुक्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी से सचिन शुक्ला ने अपने पहले ही चुनाव में इतिहास रच दिया है। इस बार के निकाय चुनाव में सचिन सबसे कम उम्र के नगर पालिका अध्यक्ष होंगे। उनको कुल मतदान का 86.61 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए हैं, जोकि ऐतिहासिक है। सचिन ने अपनी जीत के लिये नगलावासियों का आभार जताया है। ज्ञात हो कि सचिन शुक्ला एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके दादा पंडित रामसुमेर शुक्ल तराई की राजनीति में काफी सक्रिय थे। उनको तराई को स्थापित करने का श्रेय भी जाता है। वर्ष 1952 में पंडित रामसुमेर शुक्ल रुद्रपुर के पहले नामित चेयरमैन थे। उनके निधन के बाद उनके पुत्र राजेश शुक्ला राजनीति में सक्रिय हुये और वह पहली बार विधानसभा बनी किच्छा से भाजपा के बैनर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद पंडित सुमेर की तीसरी पीढ़ी से सचिन शुक्ला ने नगला से चुनाव जीतकर अपने दादा और चाचा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया है। 11 अक्टूबर 1986 को जन्मे सचिन की प्रारंभिक शिक्षा रुद्रपुर के जेपीएस से हुई। इसके बाद उन्होंने हल्द्वानी के आम्रपाली से एचएम का कोर्स किया और उसके पश्चात 2013 में यूनिटी लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री पूरी की। इस दौरान सचिन छात्र राजनीति में सक्रिय रहने लगे। 2016 में संघ से जुडऩे और आईटीसी करने के उपरांत सचिन पूरी तरह से राजनीति में एक्टिव हो गये। साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपने चाचा के लिये पंतनगर क्षेत्र में प्रचार प्रसार किया। बतौर प्रभारी उन्होंने पंतनगर क्षेत्र में विधानसभा के तीन चुनाव लड़वाये। वहीं, नगला बचाओ समिति में भी सचिन सक्रिय सदस्य के रूप में अपनी भागीदारी देते रहे। उनके संघर्षों को देखते हुये ही भाजपा ने उनपर विश्वास किया और पहली बार नगर पालिका बनी नगला से चेयरमैन पद के लिये मैदान में उतारा। सचिन ने यहां भी पार्टी को निराश नहीं किया। इस बार के निकाय चुनाव में सचिन को कुल मतदान 2399 में से 2078 मत प्राप्त हुये। यही नहीं, सचिन सभी सातों वार्डों से जीतकर निकले। फिलहाल, तराई की राजनीति में शुक्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी के मैदान फतेह करने के बाद क्षेत्रीय लोगों की उम्मीदों को पंख जरूर लगे हैं।
नगलावासियों का आभारी हूं। चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद मेरी प्राथमिकता नगला का चौमुखी विकास करना है। अपने दादा पंडित राम सुमेर शुक्ल और चाचा राजेश शुक्ला के पद चिन्हों पर चलते हुये मैं राजनीति में सेवाभाव से उतरा हूं। किसी को निराश नहीं करूंगा।
सचिन शुक्ला