न्यूज़ प्रिन्ट: भारत की प्रमुख पहलवान साक्षी मलिक ने हाल ही में रेसलिंग से रिटायरमेंट लेने का अपना फैसला और अपनी किताब विटनेस के नामकरण पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। साक्षी ने बताया कि उनकी व्यक्तिगत यात्रा और सच बोलने की प्रतिबद्धता ने उन्हें अपनी कहानी को किताब के रूप में साझा करने के लिए प्रेरित किया।
‘विटनेस’ नाम क्यों चुना?
साक्षी मलिक ने अपनी किताब का नाम विटनेस इसलिए रखा क्योंकि उनका नाम खुद ‘विटनेस’ (गवाह) है। उन्होंने कहा, “मुझे इस नाम से बेहतर कुछ नहीं लगा। मेरी किताब में जो भी घटनाएं हैं, वे पूरी तरह से सच्चाई पर आधारित हैं। मैं हमेशा सच बोलने में विश्वास करती हूं।” इस नाम के जरिए साक्षी ने अपनी जीवन यात्रा की सच्चाई को दर्शाने की कोशिश की है।
रेसलिंग से रिटायरमेंट: एक कठिन निर्णय
साक्षी मलिक ने रिटायरमेंट के बारे में बात करते हुए कहा, “रेसलिंग से रिटायरमेंट का निर्णय लेना मेरे लिए आसान नहीं था। डेढ़ साल तक संघर्ष, सड़क पर सोने और फिर भी फेडरेशन में वही लोग बने रहने के बाद मुझे लगा कि अब मैं इस माहौल में रेसलिंग नहीं कर सकती।” हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि रिटायरमेंट का मतलब यह नहीं है कि वे अपनी लड़ाई छोड़ रही हैं। “मैं अब भी अपनी आवाज उठाती हूं और जूनियर पहलवानों को मार्गदर्शन देती हूं,” साक्षी ने कहा।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ साक्षी का बयान
साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे केस पर अपनी राय भी रखी। उन्होंने कहा, “बदलाव एक दिन में नहीं होता, लेकिन यह असंभव नहीं है। कोर्ट में चार्जेज फ्रेम हो चुके हैं और समय आने पर न्याय मिलेगा। जो भी गलत किया है, उसका परिणाम सामने आएगा।”
भारत में रेसलिंग फेडरेशन में बदलाव की दिशा में साक्षी का योगदान
साक्षी मलिक का मानना है कि भारतीय रेसलिंग में बदलाव धीरे-धीरे आएगा, लेकिन यह सुनिश्चित है कि बदलाव होगा। वे रेसलिंग की दुनिया में सुधार के लिए लगातार काम कर रही हैं और आने वाली पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य देने की दिशा में प्रयासरत हैं।