अवैध कॉलोनी पर प्राधिकरण की सख्ती, रजिस्ट्री और निर्माण कार्य पर लगी रोक
रुद्रपुर। शहर में करोड़ों रुपये की जमीन पर अवैध कब्जा और कालोनी काटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल के समधी और उनके रिश्तेदारों ने षड्यंत्रपूर्वक एक परिवार की पुश्तैनी भूमि हड़प ली। पीड़ित की शिकायत पर जिलाधिकारी ऊधमसिंहनगर ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं, जबकि जिला विकास प्राधिकरण ने निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए रजिस्ट्री पर भी पाबंदी लगा दी है। साथ ही अवैध कॉलोनी के ध्वस्तीकरण की सुनवाई की तिथि भी तय कर दी गई है।
दानपुर निवासी सौरभ कुशवाहा ने डीएम को प्रेषित पत्र में आरोप लगाया है कि उनके दादा राम प्यारे भगत के नाम खसरा संख्या 439 और 442 में लगभग ढाई एकड़ भूमि दर्ज थी। वर्ष 2014 में उनके पिता की असामयिक मृत्यु के बाद पूरा परिवार मानसिक और आर्थिक संकट में घिर गया। आरोप है कि इसी परिस्थिति का लाभ उठाकर वर्ष 2015-16 में सुभाष कुमार भुड्डी पुत्र नंदलाल, ओमप्रकाश और राजेश ने परिजनों को झूठे चेक देकर जमीन अपने नाम रजिस्ट्री करा ली। सौरभ का कहना है कि उसके दादा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और मां लीलावती सालों तक न्याय के लिए दर-दर भटकती रहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी शिकायत की जाती, तो पूर्व विधायक के नाम का हवाला देकर उन्हें डराया-धमकाया जाता रहा। राजनीतिक संरक्षण के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी। 17 जून 2025 को सौरभ ने डीएम से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई, जिस पर जिलाधिकारी ने तत्काल जांच के आदेश दिए। साथ ही विकास प्राधिकरण ने मौके का संज्ञान लेते हुए अवैध कॉलोनी को नोटिस जारी कर दिया। प्राधिकरण ने जमीन की रजिस्ट्री व निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
जांच के दायरे में आए सुभाष कुमार भुड्डी पूर्व विधायक ठुकराल के दामाद के पिता बताए जा रहे हैं। शिकायतकर्ता ने प्रशासन से अपील की है कि जमीन को अवैध कब्जेदारों से मुक्त कराकर उन्हें लौटाया जाए, ताकि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें। पीड़ित लीलावती ने कहा कि जब-जब उन्होंने शिकायत की, उन्हें पूर्व विधायक के रसूख का डर दिखाया गया। अब उन्हें प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद है। उन्होंने अपनी और परिवार की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है। प्रकरण के उजागर होने के बाद प्रशासन की सक्रियता से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है। जमीन हड़पने और अवैध कॉलोनी के निर्माण को लेकर अब निगाहें प्रशासनिक जांच पर टिकी हैं।
