न्यूज प्रिन्ट, रुद्रपुर। अधिकतर लोग नेत्रदान करते हैं, लेकिन जगतपुरा निवासी शांति किशन कोली ने एक अनूठा कदम उठाते हुए अपने जन्मदिन पर देहदान का संकल्प लिया है। उन्होंने यह संकल्प ‘साइंस फॉर सोसाइटी’ संस्था के माध्यम से लिया और इस बाबत जिलाधिकारी व एसएसपी को पत्र भी भेजा। शांति किशन कोली का मानना है कि ‘शरीर नश्वर है, आत्मा अमर। जब मृत्यु के बाद शरीर का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता, तो क्यों न इसे मानव कल्याण के लिए प्रयोग किया जाए?’ उनका यह निर्णय चिकित्सा शिक्षा और शोध कार्यों में योगदान देने के उद्देश्य से लिया गया है, क्योंकि मेडिकल संस्थानों में अध्ययन हेतु मानव शरीर की भारी कमी है। वर्तमान में लगभग 80 मेडिकल स्टूडेंट्स पर सिर्फ 1 मानव शरीर उपलब्ध हो पाता है, जबकि आदर्श अनुपात 10-12 छात्रों पर एक शरीर का होना चाहिए। उन्होंने बताया कि इससे पहले 7 दिसंबर 2024 को वे अपनी पत्नी राप्ति कुमारी कोली के साथ सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी में नेत्रदान का संकल्प पत्र भर चुके हैं। उनका यह कदम समाज के लिए एक प्रेरणा है। इस मौके पर साइंस फॉर सोसाइटी के संयोजक गिरीश आर्य, जमन सिंह, दीपक कोली, माकुल, रूपेश कुमार, राजकुमारी कोली, सीमा और रंजनी रस्तोगी आदि लोग उपस्थित रहे।
शांति किशन कोली ने कवि की पंक्तियों के माध्यम से अपनी भावना व्यक्त की—‘मन समर्पित, तन समर्पित, और यह जीवन समर्पित; मां तुम्हारी धरती को, तुझे और क्या दूं?’