न्यूज प्रिन्ट, किच्छा। नगर की पुरानी अनाज मंडी में चल रही प्रभु श्रीराम की लीला का मंचन दूसरे दिन भावपूर्ण अंदाज में किया गया। नव युवक कला केंद्र के तत्वावधान में आयोजित रामलीला का शुभारंभ गणेश वंदना से हुआ।
मंचन में श्रवण कुमार प्रसंग ने दर्शकों को भावुक कर दिया। कथा के अनुसार श्रवण अपने अंधे माता-पिता को 68 तीर्थों की यात्रा कराने निकला था। पानी भरते समय अयोध्या के राजा दशरथ ने अंधेरे में उसे जंगली जानवर समझकर तीर चला दिया। तीर लगने से श्रवण की मृत्यु हो जाती है। मृत्यु से पूर्व उसके अंधे माता-पिता दशरथ को श्राप देते हैं कि जैसे वे पुत्र वियोग में तड़पकर प्राण त्यागेंगे, वैसे ही दशरथ भी पुत्र वियोग में तड़पकर प्राण त्यागेंगे। लीला के अगले प्रसंग में राम जन्म, सीता जन्म और मुनि विश्वामित्र के आश्रम में राक्षस मारीच-सुबाहु के उत्पात का मंचन किया गया। ऋषि-मुनियों को तंग करते इन राक्षसों के प्रसंग ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर रामलीला कमेटी के संरक्षक पंडित नगद शर्मा, लक्ष्मी नारायण एरन, अध्यक्ष ओम प्रकाश अग्रवाल, डायरेक्टर डब्बू अग्रवाल, दुलीचंद चांगल, अनुज सक्सेना, अंशुल गंगवार, रिंकल गुप्ता, प्रवीण सेन, विकास दाबड़ा, कमल भाटिया, रविश सक्सेना, उमेश अग्रवाल समेत कमेटी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे