देहरादून न्यूज़ प्रिंट; गर्भधारण से पहले शरीर को योग्य बनाना जरूरी है। अगर शरीर को योग्य नहीं बनाएंगे तो गर्भधारण के बाद समस्याएं शुरू हो सकती हैं। मस्कुलर पेन, ब्लड सर्कुलेशन की समस्या देखने को मिलती है।

गर्भधारण करने से पहले मन में डर था कि ऑपरेशन होगा तो कई दिक्कतें होंगी, लेकिन योग ने सब ठीक कर दिया। गर्भधारण से एक साल पहले योग करके खुद को फिट किया और फिर गर्भधारण किया। मेरा बच्चा सामान्य प्रसव से हुआ। यह कहना है बंजारावाला निवासी ममता का।
ममता ही नहीं ऐसी तमाम महिलाएं हैं जो गर्भधारण से पहले योग करके खुद को फिट कर रही हैं। इसके बाद गर्भधारण कर रही हैं, ताकि नवजात का जन्म ऑपरेशन से नहीं बल्कि सामान्य प्रसव से हो सके।
जीएमएस रोड स्थित योग सेंटर के योगाचार्य मनोज ने बताया कि गर्भधारण से पहले शरीर को योग्य बनाना जरूरी है। अगर शरीर को योग्य नहीं बनाएंगे तो गर्भधारण के बाद समस्याएं शुरू हो सकती हैं। मस्कुलर पेन, ब्लड सर्कुलेशन की समस्या देखने को मिलती है।
गर्भधारण में यह बीमारी का रूप ले लेती हैं। इसलिए गर्भधारण से एक साल पहले योग करके अपने शरीर को फिट बनाना चाहिए और गर्भावस्था में भी योग करते रहना चाहिए। योगाभ्यास से सारे जॉइंट्स फ्लेक्सिबल बने रहते हैं और ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता। हार्मोन बैलेंस रहते हैं। योग सेंटर पर देखने को मिलता है कि गर्भधारण से एक साल पहले जिन महिलाओं ने योग शुरू किया है, इनमें अधिकतर में सामान्य प्रसव से नवजात का जन्म हुआ है। हालांकि गर्भावस्था में भी इन्होंने योग करना नहीं छोड़ा।
शुरुआती तीन महीनों में एहतियात बरतने की जरूरत
योगाचार्य विकास चमोली ने बताया कि गर्भधारण के तीन महीने तक एहतियात बरतने की जरूरत होती है। बताया कि योगासन सुबह-शाम खाली पेट करें। इसके लिए नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, उज्जायी प्राणायाम, भद्रासन, उत्कटासन, मलासन, ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन लाभकारी होते हैं। गर्भधारण के शुरुआती तीन हफ्ते तक योग नहीं करने की सलाह दी जाती है। शुरुआती दिनों में योग से गर्भपात होने का खतरा बढ़ सकता है।
मस्कुलर एक्टिविटी की जरूरत होती
योगाचार्य मनोज ने बताया कि सामान्य प्रसव के लिए मस्कुलर एक्टिविटी बेहतर होना बहुत जरूरी है। गर्भस्थ के गले में गर्भनाल फंसने या अन्य गंभीर समस्या होने पर ऑपरेशन करना पड़ सकता है। कोई समस्या न होने पर ऑपरेशन की नौबत नहीं आती है।