न्यूज़ प्रिंट,देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के गंभीर बीमार शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कंपलसरी रिटायरमेंट) देने का निर्णय लिया है। दरअसल, प्रदेश के कई शिक्षक गंभीर रूप से बीमार हैं, जिसके चलते वह अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी गंभीर शिक्षकों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति दी जाएगी। गुरुवार को शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के तहत शैक्षणिक संवर्ग का नया त्रि-स्तरीय ढांचा बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही गंभीर रूप से शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने, नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) का नया ढांचा बनाने और अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर्स) का मानदेय बढ़ाने के निर्देश दिए। बैठक में शैक्षणिक संवर्ग का त्रि-स्तरीय ढांचा तैयार करने के निर्देश दिये हैं। जिसके तहत अब शैक्षणिक संवर्ग में शिक्षकों की तीन श्रेणियां पीआरटी (प्राथमिक शिक्षक), टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) और पीजीटी (स्नातकोत्तर शिक्षक) होंगी।