आए दिन निरापराध लोगों को गंवानी पड़ रही है अपनी जान, आखिर प्रशासन कब लेगा संज्ञान
न्यूज़ प्रिंट,रुद्रपुर –कई दशकों पूर्व एक फिल्म देखी थी संभवत उस फिल्म का नाम हादसा था। जिसका एक गीत बहुत चर्चित हुआ था, उस समय मुंबई को बंबई के नाम से जाना जाता था और उसे फिल्म का गीत था, कि यह बंबई शहर हादसों का शहर है यहां रोज-रोज हर मोड़ पर होता है कोई ना कोई हादसा, आज कमोबेश स्थिति यह रुद्रपुर शहर की बन चुकी है, जहां आए दिन कोई ना कोई सड़क हादसा हो रहा है। जहां निरापराध लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। सिर्फ रुद्रपुर ही नहीं बल्कि पूरे जनपद में सड़क हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका सीधा कारण बढ़ता हुआ यातायात और अनियंत्रित वाहनों का संचालन है। ऐसे में जिला व पुलिस प्रशासन को इस को संज्ञान में लेते हुए कठोर नियम और कानून बनाने होंगे ताकि सड़क हादसों पर लगाम कसी जाए और यातायात व्यवस्था पूर्ण रूप से सुचारू हो सके।

पिछले कई माह से लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं दो दिन पूर्व तो सड़क हादसे में एक गर्भवती महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। बीते दिन भी सितारगंज में एक सड़क हादसे में दो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी और आज प्रातः भी विशाल मेगा मार्ट के पास एक ट्रक और कार की भिड़ंत हो गई थी जिसमें कार सवार परिवार बाल बाल बचा था। शहर की कोई भी सड़क अब सुरक्षित नजर नही आ रही है, क्योंकि वाहनों का दबाव इतना बढ़ चुका है कि हर गली मोहल्लों मेअनियंत्रित वाहनों की भरमार से पटा हुआ है, ऐसे में वाहन चालकों पर लगाम लगाना बेहद जरूरी है। जिस रफ्तार से आज दोपहिया व चोपहिया वाहन सड़कों को रौंद रहे हैं वह कभी भी किसी भी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं ,ऐसे में पुलिस प्रशासन को सचेत होना होगा और यातायात संतुलन बनाए रखने को लेकर एक बड़ा अभियान चलाना होगा ताकि पूरे शहर ही नहीं बल्कि पूरे जनपद की यातायात व्यवस्था सुचारू हो सके ,अन्यथा जिस प्रकार रुद्रपुर में सड़क हादसे हो रहे हैं उसे रोकना नामुमकिन हो जाएगा।