काशीपुर। जिला उपभोक्ता आयोग, रुद्रपुर ने बीमा कम्पनी और बैंक को करारा झटका देते हुए काशीपुर की एक महिला शिकायतकर्ता के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। आयोग ने बीमा कम्पनी को निर्देश दिए हैं कि वह मृतक की बीमा पॉलिसी की संपूर्ण राशि बैंक को दे, जिसे ऋण खाते में समायोजित कर शेष रकम शिकायतकर्ता को लौटाया जाए।
काशीपुर निवासी आरती भल्ला ने अधिवक्ता अरविंद शर्मा के माध्यम से आयोग में परिवाद दायर कर बताया कि उनके पति सूरज कुमार भल्ला ने वर्ष 2018 में केनरा बैंक से 12 लाख रुपये का हाउसिंग लोन लिया था। बैंक ने 18,463 रुपये का प्रीमियम लेकर बीमा पॉलिसी भी करवाई थी।
लेकिन वर्ष 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर में सूरज भल्ला की मृत्यु हो गई। बीमा दावा प्रस्तुत करने पर बैंक ने पल्ला झाड़ते हुए बीमा कम्पनी से संपर्क करने को कहा, जबकि बीमा कम्पनी ने कोविड को पॉलिसी के दायरे से बाहर बताकर दावा ठुकरा दिया।
आरती को बीमा लोकपाल से भी राहत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने न्याय के लिए जिला उपभोक्ता आयोग, रुद्रपुर की शरण ली। उनके अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट, राज्य आयोगों और बीमा नियामक प्राधिकरण के फैसलों का हवाला देते हुए बीमा कम्पनी और बैंक की सेवा में कमी को उजागर किया।
मामले की सुनवाई करते हुए आयोग अध्यक्ष राजीव खरे और न्यायिक सदस्य नवीन चंद्र चंदोला ने महिला को न्याय दिलाते हुए आदेश सुनाया कि बीमा कम्पनी 45 दिनों के भीतर पूर्ण बीमित राशि बैंक को दे, बैंक उसे ऋण खाते में समायोजित कर बचा हुआ पैसा शिकायतकर्ता को लौटाए।
