ऊधम सिंह के बलिदान को सलाम, मजदूर संगठनों ने उठाई सामाजिक न्याय की आवाज
न्यूज प्रिन्ट, रुद्रपुर। शहीद ऊधम सिंह की शहादत दिवस के अवसर पर आज सिडकुल ढाल (परशुराम चौक) पर इंकलाबी मजदूर केन्द्र व क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा संयुक्त श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद ऊधम सिंह की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पण के साथ हुई। इसके पश्चात क्रांतिकारी गीतों और नारों के माध्यम से उनके बलिदान को लाल सलाम अर्पित किया गया। सभा में वक्ताओं ने ऊधम सिंह के जीवन और संघर्षों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग नरसंहार के दोषी माइकल ओ डायर को लंदन में जाकर गोली मारने वाले ऊधम सिंह ने हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमा और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कौमी एकता का संदेश देने के लिए अपना नाम ‘राम मोहम्मद सिंह आज़ाद’ रखकर एक ऐतिहासिक मिसाल कायम की। वक्ताओं ने कहा कि ऊधम सिंह न केवल ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़े, बल्कि स्वतंत्र भारत में भी मजदूर-किसान आधारित समाज की कल्पना करते थे।
वक्ताओं ने वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज देश में धर्म और जाति के नाम पर जनता को बांटा जा रहा है और पूंजीपतियों को खुलेआम लूट की छूट मिल रही है। भाजपा-आरएसएस द्वारा शासित राज्यों में सरकारी स्कूलों की उपेक्षा और बंदी से गरीब व मजदूर वर्ग के बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। हाल ही में स्कूल भवन की छत गिरने से बच्चों की हुई दर्दनाक मौत पर वक्ताओं ने गहरा आक्रोश जताया और सरकार की संवेदनहीनता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है, तब नेताओं के स्वागत समारोहों पर खर्च करना जनभावनाओं का अपमान है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही वह भारत है जिसकी कल्पना शहीद ऊधम सिंह ने की थी? सभा में समाजवादी भारत के निर्माण और सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ वर्गीय एकता के साथ संघर्ष तेज करने का आह्वान किया गया। वक्ताओं ने जनता से अपील की कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मूलभूत अधिकारों की लड़ाई में संगठित हों।
कार्यक्रम में इंकलाबी मजदूर केन्द्र से दिनेश, कैलाश, सुरेंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से शिवदेव सिंह, राजेश तिवारी, शक्ति सिंह, दुर्गा प्रसाद, इंटरआर्क मजदूर संगठन पंतनगर से सौरभ कुमार, फिरोज खान और डॉल्फिन मजदूर संगठन से सुनीता सहित अनेक मजदूरों ने भागीदारी की।