शिवम शर्मा, न्यूज प्रिन्ट, किच्छा। उत्तराखंड निकाय चुनाव को लेकर आयी आरक्षण सूची में भले ही किच्छा का नाम ना हो लेकिन यहां चुनाव को लेकर माहौल पूरा बना हुआ है। इन दिनों सबसे बड़ी चर्चा यही है कि यहां चुनाव होगा या नहीं। एक बड़ा तबका चुनाव के टलने की बात कह रहा है तो कुछ लोग सभी निकायों के साथ किच्छा में भी चुनाव हो जाने की बात पर जोर दे रहे है। ये लोग हाईकोर्ट में दायर उस याचिका को आधार बना रहे हैं, जो किच्छा में आरक्षण घोषित न करने को लेकर कांग्रेस नेता एनयू खान और संतोष रघुवंशी के द्वारा डाली गयी है। खबर है कि हाईकोर्ट में गुरुवार को इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दस्तावेज पूरे नहीं देने पर कोर्ट ने सुनवाई के लिये शुक्रवार यानी कल का वक्त दिया है। दरअसल, उत्तराखंड की 102 निकायों में से सरकार ने 100 निकायों पर आरक्षण की स्थिति साफ कर दी है। लेकिन किच्छा व नरेंद्रनगर को इससे बाहर रखा है। ऐसे में किच्छा के सिरौली निवासी एनयू खान और संतोष रघुवंशी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संविधान के अनुच्छेद 243 का उल्लघंन होने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने उत्तराखंड के अन्य निकायों में आरक्षण घोषित कर दिया लेकिन किच्छा में नहीं किया। इससे साफ है कि सरकार किच्छा के विकास को रोकना चाहती है। उन्होंने किच्छा में भी चुनाव कराने के लिये आरक्षण घोषित करने की मांग की है। फिलहाल, चर्चा है कि हाईकोर्ट की अगली सुनवाई के बाद ही किच्छा में चुनाव होने या नहीं होने को लेकर स्थिति साफ होगी।
किच्छा में निर्वाचन अधिकारी नियुक्त
किच्छा। निकाय चुनाव की चर्चा के बीच एक चर्चा यह भी है कि किच्छा वार्डों के आरक्षण सूची अधिकारियों के टेबल पर घूम रही है। खबर है कि प्रशासन ने किच्छा में चुनाव कराने के लिये अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रखी है। प्रशासन की ओर से किच्छा में निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति भी की गयी है।