किच्छा। न्यूज़ प्रिन्ट (शिवम शर्मा) बारावफात के जुलूस को आवास विकास से न निकालने की मांग करना, शहर के कुछ भाजपाइयों को उल्टा पड़ गया। आवास विकास निवासी व खुद को युवा नेता बताने वाले सोनू गुप्ता जब भाजपा नेता संजीव सिंह, दिनेश भाटिया, संदीप गोयल, जोगेंद्र पाल, राजू कालरा, कैलाश खन्ना के संग कोतवाली पहुंचे और लिखित में फरियाद सौंप दी, तो लगा जैसे कोई ‘बड़ा मुद्दा’ खड़ा हो गया हो। दरअसल, इन नेताओं का तर्क था कि हर साल निकलने वाला जुलूस मेन बाजार से होकर सीधे मस्जिद तक ही निकाला जाए, इसको आवास विकास में नहीं लाया जाए। उनका कहना था कि इससे कॉलोनीवासियों को परेशानी होती है। मगर सूत्र बताते हैं कि कोतवाली में ये तर्क सुनकर प्रभारी निरीक्षक ने ठंडे लहजे में साफ कर दिया कि जो परंपरा अब तक चली है, वही चलेगी, किसी को नई व्यवस्था की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। यानी मामला यहीं खत्म हो जाना चाहिए था, लेकिन पुलिस ने उल्टा चाल चल दी।

सोनू गुप्ता, भाजपा नेता दिनेश भाटिया, सन्दीप गोयल, जोगेन्द्र पाल, राजू कालरा, कैलाश खन्ना पर ही शांतिभंग की आशंका जता दी और नोटिस थमा दिया। अब मजिस्ट्रेट के सामने पेश होकर ये भाजपाई व युवा नेता खुद सफाई देंगे। खबर फैलते ही शहरभर में चर्चा छिड़ गई। और भाजपाई नेताओं की खासी किरकिरी होने लगी। वहीं, पुलिस की कार्रवाई से नाराज इन नेताओं का कहना है कि वे तो सिर्फ ‘जनहित’ में आवाज उठा रहे थे, लेकिन उल्टा खुद ही फंस गए। कुल मिलाकर, जुलूस वहीं से निकला लेकिन भाजपाई नेताओं की राहें मजिस्ट्रेट कोर्ट तक मुड़ गई हैं।