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Thursday, November 21, 2024

Rudrapur : एक्सीडेंट में ब्रेन डेड हुए दीपक के परिजनों ने ऑर्गन डोनेट करवाकर बचाई 4 जिंदगियां, पढ़े पूरी खबर…

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न्यूज प्रिन्ट, रुद्रपुर। जी हां कुछ लोग मर कर भी नहीं मरते…वे अपने अंगों से कई लोगों को जिंदगियां देकर सदैव जीवन्त रहते हैं।जोधपुर एम्स में इस साल का पांचवां अंगदान हुआ और आज दोपहर 1 बजे फ्लाइट के जरिए ब्रेन डेड दीपक की दोनों किडनियों को दिल्ली के ढ्ढरुक्चस् और पैंक्रियाज को चंडीगढ़ के पीजीआई इंस्टीट्यूट में भेजा गया। इस दौरान एम्स से एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। दीपक के लिवर को जोधपुर एम्स में ही ट्रांसप्लांट किया गया। जोधपुर के डांगियावास स्थित टोल प्लाजा में ड्यूटी करने वाले 24 वर्षीय दीपक को 21 अक्टूबर को एक तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी थी। वह 12 दिन से जोधपुर एम्स में एडमिट था। डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया था।

परिजनों ने 2 नवम्बर को ऑर्गन डोनेट की सहमति प्रदान की तथा आज रविवार को उसके 4 ऑर्गन डोनेट किए। दीपक के परिजनों ने साहस का परिचय देते हुए हम सभी को भी यह सीख दी है कि एक व्यक्ति की मृत्यु को कई लोगों की जिंदगी में बदला जा सकता है…बस जरूरत होती है ऐसे नाज़ुक मौकों पर गम्भीरता पूर्वक निर्णय लेने की। याद रखें… अगर आपके आस-पड़ोस, यार-दोस्त, रिश्तेदार या जान पहिचान में किसी भी आकस्मिक दुर्घटना के कारण डॉक्टर द्वारा व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित कर दिया जाता है तो उनके परिजनों से सम्पर्क कर ब्रेन डेड व्यक्ति के ऑर्गन डोनेशन से मिलने वाली जिंदगियों के बारे में जागरुक कर ऑर्गन डोनेट के लिए प्रेरित करें क्योंकि देश में लाखों लोग ऑर्गन के अभाव में मरणासन्न स्थिति में हैं।आज किसी के घर का एक दीपक अवश्य बुझा किन्तु चार घरों को रोशन कर गया। क्या आप जानते हैं…कि मृत्यु के 4 से 6 घण्टे के भीतर हार्ट, 6 से 12 घण्टे के भीतर लिवर, 30 घण्टे के भीतर किडनी, 6 घण्टे के भीतर आंत व पैनक्रियाज को ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

रक्तदान से एक जिंदगी बचाई जा सकती है, नेत्रदान से दो लोगों को रोशनी मिल सकती है, देहदान से कई तरह के टिश्यूज की उपयोगिता के साथ चिकित्सकीय ज्ञानार्जन में सहायक होता है किन्तु अंगदान ऐसा दान है जिससे 8 लोगों को जीवदान मिलता है। देवभूमि नेत्रदान केंद्र के अध्यक्ष डॉ एस के मित्तल ने कहा कि शरीर का हर अंग मृत्यु के पश्चात दूसरे व्यक्ति का काम आ सकता है। ऐसे में जिस प्रकार से नेत्रदान किया जाता है उसी प्रकार शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंगों का भी प्रत्यारोपण कर दूसरे इंसान की जिंदगी बचाई जा सकती है। उन्होंने अपील की मृत्यु के उपरांत प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर के महत्वपूर्ण अंगों का दान कर देना चाहिए।

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