न्यूज प्रिन्ट, रुद्रपुर। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बौर और हरिपुरा जलाशय गुलरभोज का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान, अधिशासी अभियंता सिंचाई ने बताया कि हरिपुरा जलाशय में 50 प्रतिशत से अधिक सिल्ट जमा हो गई है, जिसकी डी सिल्टिंग करना अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि उपर पहाड़ों से मलवे के साथ पानी, जंगलों, नदियों और नालों के रास्ते जलाशय में आता है। इसके अलावा, नदी और जलाशयों की सफाई के लिए धनराशि प्राप्त नहीं होती, जबकि नहरों की सफाई के लिए विभाग को धनराशि मिलती है। अधिशासी अभियंता ने यह भी जानकारी दी कि जमरानी बांध बनने के बाद उसका पानी भी हरिपुरा जलाशय में आएगा, इसलिए जलाशय की डी सिल्टिंग करना अनिवार्य है।

जिलाधिकारी ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जलाशयों में संभावित क्रियाकलापों पर कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। अधिशासी अभियंता ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बौर जलाशय तक 8 किलोमीटर सड़क बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जो अब डिज़ाइन परीक्षण (वैट) के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय से भेजा गया है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि हरिपुरा जलाशय के सिल्ट क्षेत्र में अवैध खेती होती है, जिस पर जिलाधिकारी ने नोटिस देने के निर्देश दिए और अगले वर्ष से इस क्षेत्र में खेती पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। जिला पर्यटन अधिकारी ने जलाशय के किनारे ठेलियां और रेड़ी लगाने से होने वाली सफाई समस्याओं के बारे में जानकारी दी। जिलाधिकारी ने तहसीलदार को दुकानदारों और ठेली वालों के साथ बैठक कर कूड़े की समस्या का समाधान निकालने के निर्देश दिए। साथ ही, जलाशय के आसपास के गांवों की सड़कों और अन्य सुविधाओं की जानकारी भी ली। इसके बाद, जिलाधिकारी ने बौर जलाशय के पास स्थित गेस्ट हाउस का निरीक्षण कर साफ -सफाई का ध्यान रखने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर डीएफओ यूसी तिवारी, अधिशासी अभियंता सिंचाई केएस डांगी, तहसीलदार लीना चन्द्रा, जिला पर्यटन विकास अधिकारी लता बिष्ट, सहायक अभियंता विशाल प्रसाद आदि मौजूद थे।