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Thursday, November 21, 2024

Rudrapur : राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित हुआ विराट कवि सम्मेलन, पढ़े पूरी खबर…

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कवियों ने अपने काव्य पाठ से खूब वाहवाही लूटी

न्यूज प्रिन्ट, रुद्रपुर। देश के अमर शहीदों एवं महापुरूषों की स्मृति में राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय चेतना मंच की ओर से विराट कवि सम्मेलन का आयोजन जनता इंटर कालेज परिसर में किया गया। जिसमें देश भर से आये विख्यात कवियों ने अपने काव्य पाठ से खूब वाहवाही लूटी। कवि सम्मेलन का शुभारम्भ किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़, समाजसेवी डीपी यादव, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दिवाकर पाण्डे, तजिन्दर विर्क, पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर किया। कवि सम्मेलन की शुरूआत हनुमान चालीसा के पाठ से हुई। दीप प्रज्वलित करने के पश्चात दो मिनट का मौन रखकर मरचूला बस हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि दी गयी। कवि सम्मेलन की शुरूआत लखनऊ से आयी कवियित्री कविता तिवारी ने सरस्वती वंदना से की।

कवि सम्मेलन में दिल्ली से आये हास्य व्यंग के कवि सुरेन्द्र शर्मा ने हास्य व्यंग की रचनाओं से श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। अपनी एक कविता उन्होंने कुछ यूं सुनाई-आओ एक बार कहें,क्या पता तुम न रहो, क्या पता हम न रहें ,मंदिर या मस्जिद की ,या किसी इमारत की, माटी तो उसमे भारत की लगी। जबलपुर से आये कवि सुदीप भोला ने राजनैतिक हालातों पर तंज कसते हुए कहा- जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती पिता महादेवा, जय गणेश जय गणेश-राहुल को बुद्धि मिले ममता को ममता, योगी को शक्ति मिले धामी को क्षमता, कंगना मुँह बंद रखें करें जनसेवा।। हरियाणा के विख्यात कवि अरूण जैमिनी ने अपनी कविता कुछ यूं सुनाई-भरत सा भाई लक्ष्मण सा अनुयायी, चूड़ी भरी कलाई शादी में शहनाई, बुराई में बुराई, सच में सच्चाई, मंच पर कविताई, गरीब को ऽोली आंगन में तरंगोली, परोपकारी बंदे, और अर्थी को कंधे ढूंढते रह जाओगे। दिल्ली से आये कवि गजेन्द्र सोलंकी ने वीर रस की कविता सुनाते हुए कहा-बुजुर्गों की विरासत की,ध्वजा झुकने नहीं देना।।सनातन संस्कृति वाली, अगन बुझने नहीं देना, ये मजहब पंथ के झगड़े, सियासत जातियों वाली,उलझ कर तुम तरक्की का सफर रुकने नहीं देना।

लखनऊ से आयी कवियित्री कविता तिवारी ने वीर रस से ओत प्रोत काव्य पाठ करते हुए कहा-शक्ति समाहित भुजदंडों से युग की धार मोड़ता है। ऋण लेकरके बने स्वयंभू उनका दंभ तोड़ता है।। सेना का उद्घोष शत्रु दल सुन लेना। श्वेत कबूतर नहीं देश अब गुरु के बाज छोड़ता है। मंच संचालन कर रहे शशिकांत यादव ने काव्य पाठ में कहा-तोला से मन भर तोला है, पाररा पानी में घोला है, सब कीड़े बाहर निकले हैं, चुटकी भर तो सच बोला है। कार्यक्रम का संचालन पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल ने किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय चेतना मंच के अध्यक्ष संजय ठुकराल, मोहित यादव, एम- पी- तिवारी, पिंकू कपूर, चंदर अरोरा, रवि बाटला, सतीश अरोड़ा, जे- बी- सिंह, तिलक गंभीर, अभिषेक अग्रवाल, बिट्टेू ग्रोवर, आनंद बिंदल, हरविंदर सिंह हरजी, जसविंदर सिंह ऽरबंदा, ठाकुर जगदीश सिंह, रमेश ढींगरा, राजेंद्र राठी, सुषमा अग्रवाल, विजय अग्रवाल, हरवीर चौधरी, रामजी मौर्य, कैलाश अग्रवाल, राजकुमार खुुराना, सुरेंद्र घई, जॉली कक्कड़, अर्जुन गुप्ता, ताराचंद अग्रवाल, सुशील गर्ग, अमित जैन लोहिया, श्रीकर सिन्हा, सुभाष, शगुन, बल्लू, मोहनलाल अरोरा, अनिल चौहान, विष्णु बंसल, रोहित गुंबर, राजेंद्र सिंह, राजकुमार भुसरी, राजेश ग्रोवर, अजय नारायण, सुखवंत सिंह, ललित सिंह बिष्ट, अंकित चंद्रा, सुल्तान सिंह, हरिओम शर्मा, हरेंद्र पाल, बब्बू विर्क राहुल सरीन, सनी, गौरव, मोनू ठाकुर, नरेंद्र ठकराल, प्रमोद ठुकराल आलोक वर्मा, निर्मल वर्मा, विनीत सोलंकी, अभय सोलंकी, आनंद शर्मा, अजय ठुकराल, दीपक ठुकराल, हन्नी ग्रोवर, उपदेश सक्सेना,बंटी कोली,धर्म सिंह कोली, दिलीप अधिकारी,विवेक दीप सिंह,दिनेश भाटिया, पारस अग्रवाल, आकाश बटला, मुकेश कुमार प्रधान, अंकित बटाला, राजू गुप्ता, राजेश ग्रोवर, अजय नारायण, आनंद शर्मा, अजय ठुकराल, ललित बिष्ट, दीपक ठुकराल, अंकित चंद्रा, हन्नी ग्रोवर, उपदेश सक्सेना, बंटी कोली, सुल्तान सिंह, धर्म सिंह कोली, दिलीप अधिकारी, विवेक दीप सिंह, दिनेश भाटिया, पारस अग्रवाल, आकाश बटला, मुकेश कुमार प्रधान, अंकित बटाला, राजू गुप्ता समेत हजारों लोग मौजूद थे।

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