न्यूज़ प्रिंट,रुद्रपुर -गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के दर्जन भर से अधिक सदस्यों ने पत्रकार वार्ता कर नानकमत्ता साहब को लेकर प्रबंधक कमेटी पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा हाई कोर्ट के आदेश के बाद गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहब के आसपास सैकड़ो लोगों की भीड़ को एकजुट होने दिया और नारे लगाए गए। पुलिस की मौजूदगी में कमेटी के दफ्तर को ताला लगवाकर बैठक करवाई गई और एक सदस्य के साथ मारपीट की गई यह पुलिस की कार्यक्षमता पर सवालिया निशान खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के 16 सदस्य उपनिबंधक चिट्स फंड एवं समिति उधम सिंह नगर के पास प्रत्यावेदन लेकर जाते हैं लेकिन अल्पमत में सदस्य नाजायज तरीके से दिए गए फैसलों को लेकर प्रबंधक के पास जाते हैं तो बिना उनके प्रत्यावेदन को सुने स्वीकृति देते हैं यह देश की पहली संस्था है जो अल्पमत से चल रही है। उन्होंने कहा कि कथित अध्यक्ष और जनरल सेक्रेटरी ने संविधान तोड़ते हुए अध्यक्ष हरबंस सिंह चुघ की सदस्यता निलंबित कर दी।
बर्खास्त प्रबंधक रणजीत सिंह की फिर बहाली कर दी। उन्होंने कहा की गुरुद्वारे की गोलक की गिनती कब की जाती है यह पता नहीं लगता गंभीर मामला है यह जिसकी जांच हो। उन्होंने आरोप लगाया की इन लोगों ने कैमरे का एक्सेस खत्म कर दिया ताकि कोई गलत काम वह दिखा ना सके। 35 लाख रुपए से बने दीवान हाल की बिल्डिंग को बिना किसी प्रस्ताव के कुछ लोगों के कहने पर तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि 17 सदस्यों से बनाई गई शिक्षा समितियां को उत्तराखंड से शिक्षा विभाग ने आज तक अनुमोदित नहीं किया। इन लोगों के मनमानिया बढ़ रही हैं और सेवादारों को परेशान किया जा रहा है। बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड में हरबंस सिंह चुघ को फसाया गया। कार सेवा को लेकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है लाखों संगत द्वारा चुने 16 सदस्यों से बिना राय मशवरा कर कुछ सदस्यों के कहने पर कार सेवा शुरू कर दी गई। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करें अन्यथा सभी 16 सदस्य त्यागपत्र देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा की विपक्षी दलों के नेता भी गुरुद्वारा नानकमत्ता साहब में राज्य सरकार की दखलअंदाजी का मामला संसद में उठाएं। उन्होंने कहा कि यह सच और झूठ की लड़ाई है। वार्ता के दौरान प्रतपाल सिंह ,धर्म सिंह ,विजेंद्र सिंह, पलविंदर सिंह ,चरणजीत सिंह, सुखदेव सिंह ,निर्मल सिंह हंसपाल ,गुरमुख सिंह, गुरमीत सिंह ,गुरसेवक सिंह ,नरेंद्र सिंह, गुरजीत सिंह जगप्रीत सिंह, जगदीश सिंह मौजूद थे।