शहर के गरीब और भूखे लोगों को देंगे राशन, कई जगह लगेंगे स्टॉल
न्यूज़ प्रिंट,रुद्रपुर। में एक नई पहल महिलाओं द्वारा की जा रही है। आने वाले दिनों में शहर में वीरांगना ग्रुप सांझी रसोई संचालित करेगा ।जिसमें शहर में घूम रहे गरीब वर्ग और भूखे के लोगों को निशुल्क भोजन व राशन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए शहर में जगह-जगह स्टाल लगाए जाएंगे। इस सांझी रसोई का संपूर्ण संचालन महिलाएं करेंगी। आज इस मामले को लेकर आदर्श कॉलोनी स्थित किड्स पैराडाइज में वीरांगना ग्रुप की पदाधिकारियों ने पत्रकारों को जानकारी दी। वीरांगना ग्रुप की अध्यक्ष रेनू अरोरा ने बताया कि भूखे व गरीब लोगों को सम्मान से जीने का हक मिले इसके लिए समाज में एक नई पहल की गई है। लगभग 30 महिलाओं का एक वीरांगना ग्रुप बनाया गया है जो शहर में सांझी रसोई को संचालित करेगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नेकी की दीवार में लोग जरूरतमंद लोगों के लिए कपड़े व अन्य सामग्री रख जाते हैं और जरूरतमंद लोग वह अपने प्रयोग में लेते हैं ,उसी प्रकार सांझी रसोई में जन सहयोग से भोजन व राशन की व्यवस्था की जाएगी ताकि प्रत्येक गरीब और भूखे लोगों को सम्मानपूर्वक खाना मिल सके ।उन्होंने कहा कि शहर के विभिन्न धार्मिक स्थलों और मुख्य कॉर्नर पर स्टॉल लगाए जाएंगे।

जनता से अपील की जाएगी कि जो लोग अपने बच्चों के जन्म दिवस पर हजारों रुपए खर्च कर देते हैं वह इन गरीब लोगों के लिए कुछ राशन की उपलब्ध करा दें। वीरांगना ग्रुप के अध्यक्ष रेनू अरोरा ने कहा कि कोई भी भूखा ना सोए इस प्रण के साथ वीरांगना ग्रुप बनाया गया है ।उन्होंने कहा कि यदि भोजन बच जाता है तो वह भूखे ओर निरीह जानवरों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा अन्य दान महादान है। गरीबों और अमीरों के बीच खाई दूर करने के लिए सांझी रसोई की शुरुआत की जाएगी। वीरांगना ग्रुप की सचिव उर्वशी गाबा ने कहा कि जिस तरह ब्लड डोनेशन, नेत्रदान व अंगदान होता है ,उसी प्रकार समाज कल्याण के लिए सांझी रसोई स्थापित की गई है ताकि जन सहयोग से इस सांझी रसोई को आगे बढ़ाया जा सके ,ताकि कोई भी भूखा न हो सके। उन्होंने कहा कि शहर के लिए यह एक नया कदम है जिसका प्रचार और प्रसार किया जाएगा ।सभी व्यापारी और सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों से भी सहयोग लिया जाएगा। आने वाली 15 अगस्त को सांझी रसोई की शुरुआत की जाएगी और जन सहयोग से इसमें कामयाबी हासिल करेंगे। इस मौके पर प्रीति ग्रोवर भी मौजूद थी।