भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर, बिलख रहे हैं ग्रामीण
न्यूज़ प्रिंट,रुद्रपुर। कल जहां बसती थी खुशियां आज है मातम वहां। कुछ यही हाल अब भगवानपुर कोलाडिया में उजड़े गए ग्रामीणों को देखकर नजर आ रहा है कि जब तमाम ग्रामीण भीषण गर्मी में अपने बच्चों के साथ खुले आसमान में रहने को मजबूर हैं जहां हवा और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। हालात यह हो गई है कि उनके पास खाने पीने का जुगाड भी बमुश्किल हो रहा है ऐसे में बस प्रशासन को कोसने के अलावा वह कुछ और नहीं कर पा रहे। गौरतलब है की गत दिवस पुलिस प्रशासन की टीम ने सैकड़ो पुलिस कर्मियों के साथ भगवानपुर पहुंचकर एक के बाद एक पीला पंजा चला कर 46 मकान ध्वस्त कर दिए। भारी पुलिस फोर्स के सामने ग्रामीण बेबस नजर आए और अपनी आंखों के सामने अपने आशियाने को मलबे में तब्दील होते देखते रहे।

आज वहां कई जेसीबी मशीनों के जरिए मलबा समेटा जा रहा था और ग्रामीण भीषण गर्मी में अपनी आंखों में आंसू लिए यह मंजर देख रहे थे कि जब वह अपने बच्चों और परिवार के साथ इन मकानों में निवास करते थे तो उनको कहीं ना कहीं सुकून मिलता था। लेकिन अब उनका दिन का चैन और रात का सुकून दोनों ही छिन चुके है ।अब उनके पास ना तो सर छुपाने की जगह है और ना ही खाने पीने का कोई खास इंतजाम है ।उनका कहना है इस प्रशासन ने रपटा नदी के किनारे उन्हें पट्टे आवंटित किए थे। लेकिन नदी के बहाव के पास वह किस प्रकार से अपना घर बनाकर गुजरा करेंगे जो कि प्रशासन की कार्य प्रणाली पर उठाता है। ग्रामीणों का कहना था कि जिन मकानों में उन्होंने अपने कई वर्ष बिता दिए अब उजाड़ने के बाद उनके पास कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा। ग्रामीणों का कहना है कि कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी मदद करने को आगे नहीं आया ऐसे में अब रह जाए तो जाए कहां।