न्यूज़ प्रिंट, रुद्रपुर। आदर्श कॉलोनी स्थित श्री अनंत प्रेम आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा वाचक नीरजा शरणार्थी ने भक्तों को श्री कृष्ण की बाल लीला का वर्णन सुनाया, उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस ने उनको मौत की घाट उतारने के लिए अपने राज्य की सबसे सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजा था। पूतना भेष बदलकर भगवान श्री कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती रही लेकिन भगवान श्री कृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं। उसके बाद कार्तिक माह में बृजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजा करने की बात कहते हैं। इंद्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं, भाई अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं जिसको देखकर समस्त बृजवासी परेशान हो जाते हैं। और श्री कृष्ण को समस्त बृजवासी अपनी अपनी परिवार रक्षा करने के लिए श्री कृष्ण के पास जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्णा गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर पूरे नगर वासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं। जिससे हार मानकर भगवान इंद्र एक सप्ताह के बाद वर्षा को बंद कर देते हैं। इसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्णा और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगने लगते हैं। इस लीला को देखते हुए मौके पर भगवान को छप्पन भोग लगाया जाता है। इस अवसर पर कथावाचक नीरजा शरणार्थी ने भजन गाकर श्रोता और भक्तों को भाव-बिभोर कर दिया।
इस दौरान कथा व्यास आचार्य नीरजा शरणार्थी, संत प्रेम निष्ठानंद बाई जी, पंडित लव कुश शास्त्री श्री धाम वृंदावन, जैन प्रॉपर्टीज, कमल जैन, कमल बंसल, श्रीमति अंजू बंसल, अरिहंत बंसल,चारुल बंसल,अंशिका, उजाला, आदीश,महक, सालिकराम बंसल, राधेश्याम बंसल, मधु बंसल दिनेश गोयल,श्रीमती मधु बंसल,सुमन बंसल,किरण बंसल,आरती मान्या, डॉक्टर संजोली बंसल, अग्रवाल धर्मशाला की अध्यक्ष सुषमा अग्रवाल, दीप्ति,प्रियंका,रेखा,अरुणा, प्रियंक, आरती मान्या, राधा नवल, अनुज, सतीश,राजेश जैन, रेनू भारद्वाज,विष्णु बंसल, महेश बंसल, गोपेश बंसल, जसपाल अरोरा, खैराती लाल गगनेजा, सुभाष गगनेजा, चेतन, राजू हुडिया, शिवम,राजपाल पुष्पा रानी, कीर्ति, प्रिया ,मानसी, कुंदन लाल अग्रवाल, बजरंग लाल अग्रवाल, अखिलेश अग्रवाल, मनोज गोस्वामी, राधा रानी अग्रवाल, सुभाष गगनेजा, खैराती लाल गगनेजा, आदि भक्त उपस्थित थे।