न्यूज़ प्रिंट हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। इस भगदड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हाथरस भगदड़ से जुड़ी इस याचिका पर सुनवाई करने के इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से हाई कोर्ट का रुख करने के लिए कहा है। आइए जानते हैं पूरा मामला।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
उच्चतम न्यायालय ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार किया, याचिकाकर्ता से उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप सीधे अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट क्यों आए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने को कहा।
घटना परेशान करने वाली- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने मामले को देखते हुए कहा कि कहा कि ये घटना परेशान करने वाली है। लेकिन ऐसे मामलों को देखने के लिए हाई कोर्ट भी पर्याप्त है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस मामले में याचिका पर सुनवाई से इनकार किया और हाई कोर्ट जाने को कहा।
हाथरस में मची थी भगदड़
बीते 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी। सत्संग के दौरान भगदड़ के कारण 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। हादसे में बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कई भारतीय नेताओं और विदेशी नेताओं ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिस ने कड़ा एक्शन लेते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है।