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Saturday, August 2, 2025

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: विधायक बेहड़ का बढ़ा कद तो भाजपा के लिए वेक अप कॉल

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किच्छा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किच्छा-रुद्रपुर क्षेत्र से भाजपा की जबरदस्त हार महज आंकड़ों का उतार-चढ़ाव नहीं, बल्कि क्षेत्रीय राजनीतिक समीकरणों का महत्वपूर्ण संकेत है। कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों की जीत ने जहां भाजपा की सांगठनिक कमजोरी उजागर की, वहीं कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ की सक्रियता और रणनीति निर्णायक साबित हुई। प्रतापपुर, दोपहरिया और कुरैय्या की तीनों सीटों पर कांग्रेस समर्थित प्रेम आर्या, गुरदास कालड़ा और सुनीता सिंह की सफलता में बेहड़ की भूमिका खास तौर पर दिखी। लंबे वक्त से इलाके की राजनीति में मौजूद बेहड़ ने न केवल स्थानीय कार्यकर्ताओं को संगठित किया, बल्कि लोगों से सीधे संवाद बनाकर मजबूत जुड़ाव कायम किया।

उनकी रणनीतिक सूझबूझ और जमीनी पकड़ ने कांग्रेस को महज विपक्ष न रहते हुए एक मजबूत राजनीतिक विकल्प के रूप में स्थापित किया है। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, चुनावी तैयारी के दौरान बेहड़ ने बूथ स्तर तक पहुंच कर कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया, जिससे कांग्रेस की चुनावी ताकत में नया जोश दिखा। चुनाव से पहले स्थानीय समीकरणों को भांपते हुए उम्मीदवार चयन में भी उनकी अहम भूमिका रही, जिससे संतुलन बना और मतदाताओं का भरोसा हासिल किया गया। इस पूरे घटनाक्रम में तिलकराज बेहड़ की छवि एक अनुभवी और जमीन से जुड़े नेता की तरह और मजबूत हुई है, जिनकी राजनीतिक पहचान केवल भाषणों तक सीमित नहीं, बल्कि कार्यों द्वारा बनी है। यह सफलता कांग्रेस की राज्य राजनीति में भी बेहड़ की भूमिका को और मजबूत कर देती है। विश्लेषकों का कहना है कि पंचायत चुनाव में भाजपा की हार सिर्फ हार नहीं, बल्कि उसके लिए वेक अप कॉल है। उधर, तिलकराज बेहड़ ने किच्छा और रुद्रपुर की दोनों विधानसभाओं में कांग्रेस को अधिक संगठित और मजबूत किया है। ऐसे में कांग्रेस की यह बढ़त आने वाले चुनावों में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।

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