न्यूज प्रिन्ट संवाददाता, देहरादून। समान नागरिक संहिता कानून की दृष्टि से उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज का दिन अहम है। आज सदन में यूसीसी बिल पारित हो सकता है। विधानसभा में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। उसके 47 सदस्य हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों का भी उसे समर्थन प्राप्त है। ऐसे में बिल का पारित होना तय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव दृष्टिपत्र जारी होने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता के मामले में निर्णय लेने का एलान भी किया था। सत्ता में आने के बाद पहली ही कैबिनेट में धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया था। दरअसल, दशकों से एक बड़ा वर्ग देश में एक समान कानून लागू करने की वकालत कर रहा है। छोटे से राज्य उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने समान नागरिक संहिता लागू करने का बड़ा फैसला लिया। उसके इस फैसले पर देश और दुनिया की निगाह है। करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में रायशुमारी के बाद ड्राफ्ट तैयार किया गया है। हालांकि, विधानसभा सत्र के दौरान आज जमकर हंगामा हो रहा है। फिलहाल, स्पष्ट बहुमत होने के चलते सरकार इस बिल को आज पारित कर लेगी।
अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के भेजा जा सकता है बिल
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर उत्तराखंड विधानसभा सत्र में चर्चा जारी है। सांविधानिक जरूरत पड़ी तो इस कानून को लागू करने से पहले अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के भेजा जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- सरकार नियम विरुद्ध चला रही सत्र
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि यूसीसी के नाम पर प्रदेश सरकार को सत्र को विशेष सत्र का रूप दे रही है। जो नियमों के विरुद्ध है। जबकि विधानसभा सचिवालय की ओर से विधायकों को जो सूचना दी गई है कि उसमें साफ है कि पांच सितंबर 2023 को आहुत सत्र को आगे बढ़ाया गया है।