न्यूज़ प्रिंट,देहरादून। उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सालयों में अब मरीजों को ओपीडी और आईपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए पहले के मुकाबले कम शुल्क देना होगा। यही नहीं, सरकारी एंबुलेंस और मरीजों को भर्ती होने पर लगने वाला बेड चार्ज भी कम देना होगा। दरअसल, गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग के शुल्क घटाए जाने संबंधित प्रस्ताव पर सहमति जता दी है।
अस्पताल के पर्चों की फीस कम हुई:
कुछ समय पहले यानी 6 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए 18 जुलाई को ये प्रस्ताव कैबिनेट के सम्मुख रखा गया, जिस पर मंजूरी मिलने के बाद, अब जल्द ही इसका लाभ जनता को मिलने लगेगा। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओपीडी पर्चे के लिए 13 रुपए लिए जा रहे हैं, जिसे घटाकर 10 रुपए कर दिया गया है। साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की आईपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए 17 रुपए लिए जा रहे हैं, जिसे घटाकर 15 रुपए कर दिया गया है। इसी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ओपीडी के लिए 15 रुपए का शुल्क है, जिसे 10 रुपये और आईपीडी के लिए 57 रुपए का रजिस्ट्रेशन शुल्क है, जिसे 25 रुपए किया गया है जिला व उप जिला चिकित्सालयों में ओपीडी शुल्क 28 रुपये है, जिसे घटाकर 20 रुपये और आईपीडी शुल्क 134 रुपए है, जिसे घटाकर 50 रुपए किया गया है।
अस्पताल के बेड का चार्ज भी घटाया गया:
पीएचसी के जनरल वार्ड में भर्ती होने पर पहले एडमिशन चार्ज 17 रुपए प्रतिदिन था, जिसे घटाकर 10 रुपए कर दिया गया है। सीएचसी के जनरल वार्ड में भर्ती होने पर पहले एडमिशन चार्ज 17 रुपए प्रतिदिन था, जिसे घटाकर 15 रुपए कर दिया गया है। इसी के साथ ही राजकीय अस्पतालों में मौजूद प्राइवेट वार्ड (सिंगल बेड) में भर्ती होने पर 230 रुपए प्रतिदिन का चार्ज था, जिसे 150 रुपए कर दिया गया है। प्राइवेट वार्ड (डबल बेड) में भर्ती होने पर 428 रुपए प्रतिदिन का चार्ज था, जिसे 300 रुपए कर दिया गया है। इसके साथ ही राजकीय अस्पतालों में एसी रूम में भर्ती होने पर 1,429 रुपए प्रतिदिन का चार्ज देना पड़ता था, जिसे घटाकर 1,000 रुपए कर दिया गया है। हालांकि, जनरल वार्ड में भर्ती होने पर शुरुआत के तीन दिनों तक बेड का कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। चौथे दिन से निर्धारित रेट के अनुसार चार्ज लिया जाता है।
एंबुलेंस का किराया भी किया कम:
इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस में मरीज को 05 किलोमीटर तक की दूरी तक लाने और ले जाने के लिए के 315 रुपये न्यूनतम किराया और इससे अधिक दूरी पर प्रति किलोमीटर 63 रुपये लिया जा रहा है, जिसे घटाकर, 05 किलोमीटर तक के लिए 200 रुपये न्यूनतम और इससे अधिक दूरी पर 20 रुपये प्रति किलोमीटर किया गया है। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग ने ये भी निर्णय लिया है कि राजकीय अस्पतालों में अगर किसी मरीज की मौत हो जाती है, तो उसको उसके घर तक एंबुलेंस के जरिए निशुल्क पहुंचाया जाएगा।
टेस्ट के लिए सीजीएसएच के रेट मान्य:
इसके साथ ही लेबोरेट्री चार्जेज को लेकर साल 2010 में जारी किए गए जीओ के अनुसार ही चार्ज लिया जा रहा है। साथ ही जीओ के तहत हर साल चार्जेज में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी की जा रही थी। ऐसे में अब निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में मौजूद सभी लेबोरेट्री के लिए सीजीएसएच (केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना) के रेट अपनाए जायेंगे। ये रेट सिर्फ पीएचसी से लेकर जिला स्तर के अस्पतालों पर ही लागू होंगे।
रेफरल शुल्क हटाया गया:
इसके अलावा जब भी मरीज को छोटे अस्पताल से बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता है, तो हर बार पंजीकरण शुल्क लिया जाता है। अब हायर सेंटर में रेफर के दौरान पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा। यानी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफर करने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेफरल मरीजों से पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसी तरह उप जिला चिकित्सालय से जिला चिकित्सालय में रेफर करने पर जिला चिकित्सालय की ओर से पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा।