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Thursday, November 21, 2024

Uttarakhand: किसी को भाया तो… किसी को रास नहीं आया बजट, जानिये प्रतिक्रया…पढ़ें पूरी खबर

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न्यूज़ प्रिंट, एनडीए सरकार के पहले आम बजट का किसी ने स्वागत किया तो किसी ने बजट को उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में निराशाजनक बताया। जानिए भाजपा-कांग्रेस समेत आम लोगों की प्रतिक्रिया…

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लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए सरकार के पहले आम बजट का किसी ने स्वागत किया तो किसी ने बजट को उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में निराशाजनक बताया। व्यापारियों ने बजट को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है जबकि मेडिकल व्यवसाय से जुड़े पदाधिकारियों ने बजट को निराशाजनक बताया है। किसानों की नजर में बजट संतुलित है।

व्यापारियों की प्रतिक्रिया-
मुद्रा लोन 10 लाख से बढ़कर सीमा 20 लाख करना स्वागत योग्य है। ट्रांसपोर्ट और व्यापारियों के लिए कुछ विशेष नहीं किया गया है। रेहड़ी-पटरी, छोटे दुकानदार और खासकर पर्वतीय क्षेत्र के छोटे दुकानदारों की अनदेखी की गई है। न तो जीएसटी में उन्हें राहत दी गई है और न ही व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए योजना बनाई गई।

– हरजीत सिंह चड्ढा ट्रांसपोर्टर

बजट बहुत संतुलित और व्यावहारिक है। विशेष तौर पर टैक्स स्लैब में राहत मिली है। साथ ही उपभोक्ता वस्तुओं में सोने- चांदी में आयात शुल्क कम करने से सर्राफा बाजार और खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी। इंटरनेट युग में मोबाइल फोन सस्ते करने का फैसला बेहतर है।

-नवीन वर्मा, अध्यक्ष, प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल

उत्तराखंड में आपदा के लिए खाली गिफ्ट पैक का आश्वासन दिया गया है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा में भी कोई राहत नहीं है। केवल कैंसर के उपकरणों में कस्टम ड्यूटी के अलावा स्वास्थ्य चिकित्सा में कोई राहत नहीं है। बजट उत्तराखंड और स्वास्थ्य के लिए निराशाजनक रहा है।

– गोपाल सिंह अधिकारी, अध्यक्ष, ड्रग एवं केमिस्ट एसोसिएशन

बजट संतुलित है। टैक्स स्लैब तीन लाख करना स्वागत योग्य है। बेरोजगारों, व्यापारियों और किसानों के अलावा महिलाओं का भी ध्यान रखा गया है।
-हुकुम सिंह कुंवर, अध्यक्ष देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल

काश्तकारों की प्रतिक्रिया

बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये के सापेक्ष पिछले बजट से 25 हजार करोड़ रुपये बढ़ाया गया है जो स्वागत योग्य है। प्राकृतिक खेती, उन्नत बीजों, मौसम आधारित बीजों के साथ ही किसानों की ओर से किए जा रहे अनुसंधान कार्यों के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान होना चाहिए। कृषि यंत्रों को जीएसटी से मुक्त रखने का प्रावधान होना चाहिए।
– नरेंद्र सिंह मेहरा, प्रगतिशील किसान

अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया

बजट में जीएसटी में आईटीसी की धारा 16 में दो नए सब सेक्शन जोड़कर व्यापारी हितों के लिए सराहनीय कदम उठाया है। पिछले सालों की बकाया धनराशि पर ब्याज एवं पेनाल्टी की माफी देना भी सराहनीय कदम है।
-अजहर अली, जीएसटी अधिवक्ता

आयकरदाताओं के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव कर टैक्स दरों को कम किया है। वेतन से आय में मिलने वाली स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किया है। करदाताओं को इस बजट से इसके अलावा भी काफी उम्मीदें थीं।
-गौरव गोला, अधिवक्ता

लांगटर्म कैपिटल गेन में टैक्स 5 प्रतिशत से बड़ा कर 12.5 प्रतिशत कर दिया। नये युवा इंवेस्टर इससे आहत हैं। इनकम टैक्स स्लैब में उम्मीद से कम ही मिला है। मिडिल क्लास लोगों की गाढ़ी कमाई को चूसने के लिए स्लैब में 7-10 लाख पर 10 फीसदी का नया स्लैब लाए हैं। टैक्स का सरलीकरण न कर उलझा दिया है।
– फैजुल हक, आयकर और जीएसटी अधिवक्ता

संपत्ति की बिक्री पर कर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है लेकिन संपत्ति पर इंडेक्सेशन हटा दिया है। पुराने इंडेक्सेशन सिस्टम के अनुसार प्रभावी कर दर एलटीसीजी के लिए इस नए प्रावधान की तुलना में अच्छी पाई गई है। स्वास्थ्य और शिक्षा पर अधिक चर्चा नहीं। शेयर्स के कैपिटल गैन पर टैक्स बढ़ने से निवेशकों को निराशा होगी।
– सरोज आनंद जोशी सीए हल्द्वानी

इस बजट में सरकार का खास ध्यान रोजगार सृजन पर रहा। यूथ इंटर्नशिप स्कीम से 1 करोड़ युवाओं को ग्रेजुएशन के बाद टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। स्टैंडर्ड डिडक्शन में मामूली वृद्धि कर कार्मिकों को नाममात्र का लाभ जरूर दिया गया है। लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स में वृद्धि से युवा निवेशक बहुत निराश हैं।
– प्रखर रावत चार्टर्ड एकाउंटेंट

बजट में इनकम टैक्स को लेकर राहत दी गई है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले यह 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन को भी 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया है।
– दीपक बिष्ट, कर अधिवक्ता

इनकम टैक्स स्लैब और स्टैंडर्ड डिडक्शन में बदलाव के बाद टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपये तक का फायदा होगा। पहले सैलरी से होने वाली 15.75 लाख की इनकम पर 1 लाख 57 हजार 500 रुपए टैक्स बनता था। अब इन बदलाव के बाद 1 लाख 40 हजार रुपये टैक्स बनेगा।
– रोहित कांडपाल चार्टर्ड अकाउंटेंट

बजट में मध्यम वर्गीय करदाताओं को कुछ राहत है। दीर्घकालीन और लघु कालीन पूंजी लाभ में कर बढ़ाना शायद आम लोगों में निवेश की रुचि को कम करने वाला कदम हो सकता है।
– तरुण कर्नाटक, कर अधिवक्ता

बजट में न्यू टैक्स रिजीम में 75 हजार की मानक कटौती का लाभ दिया गया है जिससे नौकरपेशा वर्ग को लाभ मिलेगा। यह बजट सभी के लिए सकारात्मक है।
-राकेश त्रिपाठी, अधिवक्ता इनकम टैक्स, जीएसटी

बजट में ओल्ड टैक्स रिजीम का चयन करने वाले करदाताओं को धारा 80सी आदि की छूट नहीं देने से करदाताओं को बचत करने की आदत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह लंबी अवधि के लिए उचित नहीं है।
-मयंक वर्मा, अधिवक्ता इनकम टैक्स, जीएसटी

महिलाओं की प्रतिक्रिया

मोबाइल सस्ते कर दिए हैं लेकिन कापी-किताबों की दरों में कोई छूट नहीं है। पेट्रोल, डीजल और सिलिंडरों के बढ़ते दामों में कोई राहत नहीं मिली है। आम जनता के लिए बजट संतोषजनक नहीं है।
– कविता ऐरी, गृहिणी, हल्दूपोखरा नायक

बजट में मध्यम वर्गीय लोगों के लिए कुछ नहीं है। कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाना अच्छा विकल्प है लेकिन नौकरियों में महिलाओं को प्राथमिकता को लेकर कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिला है।
– ऋतु संगरोला, गृहिणी, हल्दूपोखरा नायक

महिलाओं को बजट से बहुत उम्मीद थी लेकिन इसमें कोई खास परिवर्तन नहीं लग रहा है। घरेलू महिलाओं को बजट से बाहर रखा गया है। मोबाइल सस्ते लेकिन रिचार्ज महंगा किताबें और पठन-पाठन सामाग्री महंगी है उन पर विचार नहीं किया गया।
– रेनू जोशी, गृहिणी, हल्द्वानी

बजट में महंगाई को दूर करने के लिए कोई खास विकल्प और योजना दिखी ही नहीं। रोजगार को लेकर भी कोई बेहतर विकल्प नहीं है। कौशल विकास जैसी योजनाओं से स्थायी रोजगार नहीं मिल सकता। स्थायी रोजगार के विकल्पों पर युवाओं के हित में बजट जारी करना चाहिए था।
– हेमा संगरोला, गृहिणी, हल्दूपोखरा नायक

शिक्षक-कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

आम बजट में नए टैक्स रिजीम में बड़े बदलाव हुए हैं। पुराने टैक्स रिजीम में कोई बड़े बदलाव नहीं हुए हैं। आयकर की छूट में बदलाव से मध्यम वर्ग को फायदा हुआ है। ईपीएफओ के तहत पहली बार रोजगार देने की पहल का स्वागत है। कस्टम ड्यूटी अच्छा कदम है। सही मायने में संतुलित बजट है।
– शीतल शाह, उत्तराखंड पेयजल निगम कर्मचारी महासंघ।

मोदी सरकार 3.0 के प्रथम बजट में नौकरी पेशा वर्ग को नई टैक्स स्कीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन और टैक्स स्लैब में कुछ राहत देने के प्रयास किया है लेकिन ये कुछ और बेहतर किया जा सकता था। नई पेंशन योजना पर कोई घोषणा न होना निराशाजनक रहा है।
– हेम चंद्र पाण्डे, शिक्षक

कर्मचारियों को आशा थी कि मानक कटौती 50,000 के स्थान पर एक लाख होगी जबकि यह मात्र 75,000 की गई है। आठवें वेतन आयोग की भी संस्तुति नहीं की गई। पुरानी पेंशन बहाली के लिए भी बजट में कोई प्रावधान न कर सरकार ने शिक्षकों और कर्मचारियों को निराश किया है।
-डिकर सिंह पडियार, जिला मंत्री, प्राथमिक शिक्षक संगठन

बेरोजगारी और ग्रामीण संकट, स्टार्टअप और इनोवेशन के लिए बजट में कुछ महत्वपूर्ण प्रोत्साहन देने की आवश्यकता थी। प्रशिक्षुता योजना और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं के उन्नयन सहित नए कौशल कार्यक्रमों का शुभारंभ और डिजिटल शिक्षा पर जोर दिया गया है जो सरकार का अच्छा कदम है।
– समित टिक्कू, शिक्षाविद्

बजट से मध्यमवर्ग को निराशा हाथ लगी है। सरकारी कर्मचारियों के लिए भी इस बजट पर ज्यादा कुछ नहीं है। टैक्स स्लैब में ज्यादा बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ 3 लाख तक छूट दी गई है जबकि कर्मचारियों को 5 लाख की उम्मीद थी। वहीं पुरानी पेंशन की बहाली पर कुछ नहीं कहा गया है।
– दीपक नौगांई, शिक्षक

बजट में 1.48 करोड़ रुपये शिक्षा, रोज़गार, कौशल विकास के लिए प्रदान किए गए हैं। वेतन भोगी कर्मचारियों को आयकर छूट का फ़ायदा मिलेगा। पहली बार नौकरी करने वाले का एक महीने का पीएफ़ सरकार भरेगी। अगले पांच वर्ष में 20 लाख युवाओं को कौशल विकास में प्रशिक्षित किया जाएगा।
-डॉ. प्रवींद्र रौतेला, शिक्षाविद्

स्टेंडर्ड डिडक्शन में मामूली वृद्धि कर कार्मिकों को नाममात्र का लाभ जरूर दिया गया। पुरानी पेंशन के मुद्दे पर चुप्पी साधने के साथ-साथ नई पेंशन योजना में नियोक्ता का हिस्सा चार प्रतिशत बढ़ाकर सरकार ने कॉरपोरेट घरानों को ही फायदा पहुंचाया है। आठवें वेतन आयोग पर चुप्पी दुर्भाग्यपूर्ण है।
-नवेंदु मठपाल, शिक्षक नेता, प्रांतीय उपाध्यक्ष कर्मचारी शिक्षक संगठन

बजट में सरकार की मंशा है कि आयकरदाता आयकर हेतु नये विकल्प की ओर जाएं। 12 लाख तक के स्लैब में भी टैक्स दरों में परिवर्तन किया गया है। कुल मिलाकर न्यू टैक्स रिजिम वालों के लिए लाभप्रद है जबकि ओल्ड टैक्स रिजिम वालों के लिए कोई भी लाभ नहीं दिया गया है।
– रमेश चंद्र पांडे, रिटायर्ड असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर हल्द्वानी

बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा, कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवा पर जोर देने जैसी पहले सराहनीय है। टेक्सेशन की नीतियों से निराश हूं। नौकरियां पैदा करने या उद्यमियों का समर्थन करने के लिए ठोस उपाय नहीं हैं। एमएसएमई के लिए उपाय अपर्याप्त हैं।
-पीयूष जोशी, संयोजक, उत्तराखंड युवा एकता मंच

बजट देश की जनता को गुमराह करने वाला और मोदी सरकार की एक और जुमलेबाजी से अधिक कुछ भी नहीं है। बजट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार के अवसर देने, बेहतर स्वास्थ्य, सभी को सुलभ सार्वजनिक यातायात और पर्याप्त खाद्य सुरक्षा के लिए कोई भी योजना प्रस्तुत नहीं कर सका है।
-डॉ. कैलाश पांडे जिला सचिव भाकपा माले

बजट पर भाजपाईयों की प्रतिक्रिया

यह नए भारत का बजट हैः अजय भट्ट
पूर्व केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व सांसद अजय भट्ट ने मोदी सरकार के बजट को नए भारत का बजट बताया है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आने वाले पांच वर्षों में राष्ट्र के विकास की नई गति के लिए दूरदर्शी बजट पेश किया है। कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए यह स्वर्णिम बजट है। बजट में समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए युवाओं को नौकरी, अन्नदताओं, किसानों, मातृशक्ति और विद्यार्थियों के साथ ही सभी वर्गों के हितों के लिए विशेष प्रावधान है। भट्ट ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हुए युवाओं के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने पर खुशी जताई है। कहा है कि विभिन्न माध्यमों से इनकम टैक्स में भी छूट दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पेश बजट किसानों के लिए तोहफा, युवाओं के लिए रोजगार, करदाताओं के लिए राहत, गरीबों के लिए कल्याणकारी और महिलाओं के रोजगार एवं कौशल विकास का बजट है। बजट का फोकस चार जातियों-गरीब, महिला, युवा और किसान पर रहा है। वित्त मंत्री ने रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई एवं मिडिल क्लास पर केंद्रित बजट प्रस्तुत कर भारत को प्रगति की राह पर बढ़ाने का काम किया है।
– बंशीधर भगत विधायक कालाढूंगी विधानसभा

यह बजट महिला, युवा, गरीब, किसान के हित को सामने रखकर प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प की प्रतिबद्धता को दोहराता हुआ बजट है जो मोदी के विकसित भारत के मिशन को पूरा करेगा। कौशल विकास और रोजगार सृजन की घोषणाएं ऐतिहासिक है। यह बजट अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है जो पांच साल के लिए हमारी दिशा तय करने के साथ ही 2047 तक विकसित भारत की आधारशिला रखेगा।
– विकास भगत प्रवक्ता भाजपा उत्तराखंड

यह केंद्रीय बजट वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के लक्ष्य और विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने वाला एक सशक्त बजट है। यह बजट एक दूरदर्शी बजट है। यह सर्वस्पर्शी बजट युवाओं, किसानों, मातृशक्ति, छात्रों के साथ ही सभी वर्गों के हितों की पूर्ति करने के साथ अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाला बजट है।
-प्रकाश रावत प्रदेश प्रवक्ता भाजपा उत्तराखंड

यह बजट विकसित भारत को सशक्त करने वाला बजट है। सरकार ने आगामी पांच वर्षों में राष्ट्र के विकास की नई गति के लिए दूरदर्शी बजट पेश किया है।
-प्रमोद तोलिया वरिष्ठ भाजपा नेता

बजट को लेकर कांग्रेस की प्रतिक्रिया 

सरकार का बजट दिशाहीन: सुमित हृदयेश
विधायक सुमित हृदयेश ने सरकार के बजट को निराशाजनक और दिशाहीन बताया। कहा कि यह बजट केवल पूंजीपतियों के हितों को साधता है। उन्होंने इसे केंद्र सरकार का विदाई बजट करार देते हुए आरोप लगाया कि यह बजट महंगाई और बेरोजगारी को बढ़ाएगा। कहा कि बजट में युवाओं, बेरोजगारों, व्यापारियों और महिलाओं के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। अग्निवीर योजना को वापस लेने, ओपीएस लागू करने और नीट पेपर लीक मामले के समाधान के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है।

बजट में कोई विजन नहीं दिखता: राहुल
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल ने बजट को मोदी सरकार को बचाने वाला बताया। कहा कि पूरा बजट सरकार की कमजोरी व अस्थिरता का बजट है। बजट में महंगाई-बेरोजगारी को कम करने के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है। बजट में कई जगह कांग्रेस के घोषणापत्र के विचार शामिल किए गए हैं। बजट में नीतिगत सुधार की कोई बात नहीं है। छिमवाल ने कहा कि यह बजट कुर्सी बचाने का बजट है और केवल दो लोगों को खुश करने का प्रयास है

लाचार सरकार का लाचार बजट: बल्यूटिया
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट पीएम मोदी का लाचार बजट है जिसमे साफ तौर पर उनकी लाचारी दिखती है। कहा कि किस लाचारी में बिहार को 26 हजार करोड़ और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ देकर उनके आगे घुटने टेक दिए। दूसरी तरफ विदेशी कॉरपोरेट को टैक्स में छूट देकर बड़े घरानों से वफादारी निभाई है। मोदी 3.0 बजट युवा, आम जन, छात्र, किसान विरोधी है। यह सरकार की मित्र विदेशी कॉरपोरेट कंपनियों को लाभ देने वाला है। बजट में विदेशी कॉरपोरेट को टैक्स में छूट देकर देश को नुकसान पहुंचाया है। बजट में रोजगार सृजन, महंगाई, किसान को एमएसपी, महिला सुरक्षा की कोई सुध नहीं ली गई।

देश का नागरिक पर टैक्स का भार लाद दिया: नीरज
कांग्रेस प्रवक्ता नीरज तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार का दिल विदेशी कॉरपोरेट मित्रों के लिए मेहरबान है जबकि किसान ऋण, छात्रों की पढ़ाई के लिए गए ऋण में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई। सरकार स्किल डेवलपमेंट और रोजगार सृजन के बजाय 25000 छात्रों को पढ़ाई पर लोन देने की बात कर रही है ।

पांच सांसद फिर भी उत्तराखंड के हाथ खाली: ललित
कांग्रेस नेता ललित जोशी ने कहा कि उत्तराखंड ने जहां भाजपा की झोली सांसदों से भर दी। इसके बाद भी ऑक्सीजन पहुंचाने वाले उत्तराखंड को ग्रीन बोनस आज तक भी नहीं दिया गया। इसकी मांग मुख्यमंत्री लंबे समय से कर रहे हैं। उत्तराखण्ड की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है।

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