बोले धनकड़- आयुर्वेद भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति का हिस्सा
न्यूज प्रिन्ट, गदरपुर। पद्मश्री आयुर्वेदाचार्य वैध बालेन्दु प्रकाश ने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ से उनके निवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर भाजपा हरियाणा चिकित्सा प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ. संजीव मडिय़ा भी मौजूद रहे।
यह भेंट आयुर्वेद के क्षेत्र में वैध बालेन्दु प्रकाश द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यों और नवाचारों को लेकर विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
भेंट के दौरान वैध बालेन्दु प्रकाश ने पैनक्रिएटाइटिस जैसे जटिल और प्राणघातक रोग पर आधारित अपनी नवीनतम पुस्तक ‘ग्रंथि की गुत्थी’ धनखड़ को भेंट की। यह पुस्तक आयुर्वेदिक चिकित्सा के दृष्टिकोण से पैनक्रिएटाइटिस के उपचार और उसके रोग-प्रबंधन के तरीकों को समझने का प्रयास है। उन्होंने इस रोग के संबंध में आयुर्वेद की प्रभावशीलता पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि किस प्रकार उनकी उपचार पद्धति ने अनेक असाध्य रोगियों को नया जीवन दिया है।
धनखड़ ने वैध बालेन्दु प्रकाश के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक आधार देने का प्रयास अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि ‘ग्रंथि की गुत्थी’ जैसी पुस्तकें न केवल चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए मार्गदर्शक होंगी, बल्कि आमजन में भी जागरूकता का संचार करेंगी।
इस अवसर पर वैध बालेन्दु प्रकाश ने धनखड़ को केंद्रीय आयुर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा गठित दो उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समितियों की रिपोर्ट (वर्ष 2017 एवं 2025) की प्रतिलिपियाँ भी भेंट कीं। उन्होंने आग्रह किया कि इन रिपोर्टों पर अग्रिम कार्रवाई हेतु संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित किया जाए, जिससे आयुर्वेद आधारित शोध को संस्थागत समर्थन मिल सके।
धनखड़ ने आश्वस्त किया कि वे वैध बालेन्दु प्रकाश द्वारा किए जा रहे अनुसंधान कार्यों, विशेषकर पैंक्रिएटाइटिस के उपचार में आयुर्वेद की भूमिका को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और माननीय प्रधानमंत्री तक यह विषय पहुँचाएंगे। उन्होंने आयुर्वेद को भारत की चिकित्सा नीति का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण पहल बताया।