राजू अनेजा, न्यूज प्रिन्ट, काशीपुर। एक तरफ़ जहां रिश्ते-नाते जीवन का सहारा होते हैं, वहीं दूसरी ओर काशीपुर की कृष्णानगर कॉलोनी से आई यह खबर समाज को आईना दिखाती है। एक महिला की मौत के कई दिन बाद जब उसका सड़ा-गला शव मिला और एक दिन तक इंतज़ार के बावजूद कोई परिजन सामने नहीं आया, तब पुलिस ने आगे आकर उसका अंतिम संस्कार करवाया।
यह कहानी उस पार्वती की है जो अकेलेपन की आगोश में जीती रही और उसी में खो गई। आपको बताते चले कि मंगलवार शाम को आवास विकास क्षेत्र की कृष्णानगर कॉलोनी में बदबू फैलने पर पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी। एसएसआई अनिल जोशी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जब घर का दरवाज़ा तोड़ा गया तो सामने जो दृश्य था, वह दिल दहला देने वाला था। घर के अंदर पार्वती (55 वर्ष) का शव ज़मीन पर पड़ा था, जो पूरी तरह से सड़ चुका था। शव देखकर अनुमान लगाया गया कि मृत्यु को लगभग 8 से 10 दिन हो चुके थे।
सालों से जी रही थीं तन्हा जि़ंदगी
पड़ोसियों ने बताया कि पार्वती रेलवे से रिटायर्ड बालेराम की पुत्री थीं। परिवार में दो भाई और एक बहन थी, लेकिन दोनों भाइयों की पहले ही मौत हो चुकी थी। तीनों अविवाहित थे। पिता की मौत के बाद से पार्वती अकेली ही इस घर में रह रही थीं। वे किसी से बातचीत नहीं करती थीं, न ही बाहर निकलती थीं। जीवन-यापन पिता की पेंशन से चल रहा था। लगभग 10-15 दिनों से उन्हें किसी ने नहीं देखा था।
जब कोई रिश्तेदार नहीं आया, तो पुलिस बनी आखिरी सहारा
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी भेजा। फॉरेंसिक टीम की निगरानी में परीक्षण हुआ। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने एक दिन इंतजार किया कि शायद कोई नातेदार पार्वती को विदा करने पहुंचे, लेकिन कोई नहीं आया। अंतत: गुरुवार को पुलिस ने अपने खर्चे पर पार्वती का अंतिम संस्कार करवाया। एसएसआई अनिल जोशी ने कहा, एक दिन इंतज़ार किया, लेकिन जब कोई नहीं आया और शव की हालत भी खराब थी, तो हमने अंतिम संस्कार करवाना ज़रूरी समझा।