न्यूज प्रिन्ट, सितारगंज। जुलाई माह से सरकारी राशन लेने वाले उपभोक्ताओं को गेहूं और चावल के साथ मलका दाल, नमक और मांडुवा भी मिलेगा। लेकिन जहां मांडुवा एक किलो मुफ्त मिलेगा, वहीं दाल और नमक की कीमत उपभोक्ताओं की जेब पर अतिरिक्त बोझ बन सकती है।
खासकर सफेद और अंत्योदय राशन कार्डधारकों के लिए यह योजना चिंता का कारण बन रही है। शासन द्वारा इस माह मलका (मसूर) दाल को सरकारी गल्ला दुकानों के माध्यम से 79 रुपये प्रति किलो की दर पर उपलब्ध कराया गया है। पूर्ति निरीक्षक के.के. बिष्ट के अनुसार, यह योजना सभी प्रकार के कार्डधारकों-पीले, सफेद और गुलाबी के लिए लागू की गई है। हालांकि इस दाल की कीमत बाजार दर से कम है, लेकिन गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे सफेद और अंत्योदय कार्डधारकों के लिए यह कीमत भी एक बड़ा बोझ साबित हो सकती है।
पहले से ही उन्हें प्रति कार्ड मांडुवा और नमक के लिए पैसे देने पड़ते हैं, ऐसे में अब 79 रुपये प्रति किलो की दाल खरीदना उनके बजट को और अधिक खींच सकता है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि यह दाल योजना वैकल्पिक हो और कार्डधारकों की सहमति से दी जाए, तो ज्यादा बेहतर होगा। इसके अलावा, नमक की गुणवत्ता को लेकर भी कई उपभोक्ता सवाल उठा रहे हैं, जिससे असंतोष की स्थिति बन रही है।
यदि शासन इस योजना को गरीब वर्ग के अनुकूल बनाना चाहता है, तो दाल की कीमत में सब्सिडी या विकल्प की सुविधा देने पर विचार जरूरी है, ताकि जरूरतमंदों तक राहत वास्तव में पहुंचे, न कि महंगाई का नया बोझ।
मलका दाल योजना: राशन कार्डधारकों को 79 रु./किग्रा में मिलेगी दाल, गरीब वर्ग पर महंगाई का बोझ, पढ़ें पूरी खबर…
