रुद्रपुर। ऊधमसिंहनगर कांग्रेस में जिलाध्यक्ष की घोषणा से पहले ही नया बवंडर उठ गया है। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर का नाम जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में आने के बाद संगठन के भीतर विरोध तेज हो गया है। स्थानीय कार्यकर्ता और नेता इसे बाहरी चेहरा बताकर खुलकर आपत्ति जता रहे हैं। उनका कहना है कि जब रायशुमारी स्थानीय नेताओं के नामों पर हुई थी, तो फिर बाहर से किसी को लाने का औचित्य क्या है।
प्रदेश कांग्रेस इन दिनों अपने 27 संगठनात्मक जिलों में नए अध्यक्षों की घोषणा की तैयारी में है। 25 जिलों के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं, लेकिन ऊधमसिंहनगर और पिथौरागढ़ में सहमति नहीं बन पा रही। खासतौर पर ऊधमसिंहनगर में भुल्लर का नाम सामने आने के बाद समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। पार्टी के भीतर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है।
स्थानीय नेता बोले—बाहरी को क्यों तरजीह?
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एक महीने पहले पार्टी के पर्यवेक्षक ने कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की थी। ‘समर्पित कार्यकर्ताओं ने अपने नाम दिए और पर्यवेक्षक ने उन्हें हाईकमान को भेज दिया। अब अगर पैराशूट से किसी बाहरी को उतारना था तो रायशुमारी का नाटक क्यों किया गया?’ उन्होंने कहा कि पार्टी को स्थानीय कार्यकर्ताओं की मेहनत और जमीनी पकड़ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
वर्तमान जिलाध्यक्ष हिमांशु गावा ने भी स्पष्ट कहा कि पार्टी को ऊधमसिंहनगर में रहने वाले नेताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। ‘जो कालाढूंगी में रहता हो और नैनीताल एसएसयूआई का जिलाध्यक्ष रहा हो, उसे हमारे जिले की कमान देने का कोई औचित्य नहीं है,’ उन्होंने कहा। गावा का तर्क है कि भुल्लर का ऊधमसिंहनगर से सीधा जुड़ाव नहीं है और जिले की जमीनी राजनीति की समझ भी सीमित है।
भुल्लर बोले—हाईकमान का फैसला स्वीकार
वहीं दूसरी ओर, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुमित्तर भुल्लर ने कहा कि पार्टी हाईकमान ने उनके नाम पर सहमति जताई है। ‘पार्टी का जो भी निर्णय होगा, मैं उसे स्वीकार करूंगा। मैं ऊधमसिंहनगर में लगातार संगठन के साथ काम कर रहा हूं,’ उन्होंने कहा।
आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ी सरगर्मी
जिलाध्यक्षी की यह लड़ाई अब सिर्फ संगठनात्मक नहीं रह गई है। अगले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह पद रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है। स्थानीय कार्यकर्ता चाहते हैं कि नेतृत्व किसी ऐसे को मिले जो जिले की सियासत को नजदीक से समझता हो, जबकि हाईकमान नए चेहरे के माध्यम से संगठन में नई ऊर्जा लाने की सोच में है।
अब देखना यह है कि कांग्रेस नेतृत्व स्थानीय असंतोष को शांत कर पाता है या नहीं। लेकिन इतना तय है कि बाहरी उम्मीदवार का सवाल ऊधमसिंहनगर कांग्रेस की अंदरूनी सियासत को और गर्म कर चुका है।


