न्यूज प्रिंट रूद्रपुर। अगेंस्ट ड्रग्स’ के तहत आज वार्ड 34 घास मंडी क्षेत्र में जुटे युवा, मातृशक्ति और वरिष्ठजन रूद्रपुर- सूखे नशे व कच्ची शराब के खिलाफ जनजागरूकता अभियान ‘रूद्रपुर अगेंस्ट ड्रग्स’ के तहत आज वार्ड 34 घास मंडी क्षेत्र मंदिर प्रांगण में एक बड़ी बैठक का आयोजन पूर्व पार्षद प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता तथा जगदीश तनेजा के संचालन में किया गया, जिसमें उपस्थित मातृशक्ति, युवाशक्ति एवं वरिष्ठ नागरिकों नें एकजुट होकर सूखे नशे को वार्ड से बाहर खदेडनें का संकल्प लिया गया।
बैठक को सबोंधित कर रहे ‘रूद्रपुर अगेंस्ट ड्रग्स’ के संयोजक समाजसेवी सुशील गाबा ने कहा कि
आज के समय में नशा एक गंभीर सामाजिक समस्या का रूप ले चुका है, जो किसी एक व्यक्ति या परिवार तक सीमित नहीं रह जाती, बल्कि पूरे समाज और आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करती है। शराब, तंबाकू, ड्रग्स, स्मैक, चरस, अफीम, सिंथेटिक ड्रग्स और नशे के नए-नए रूप बेहद तेजी से युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं। नशा व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता को कमज़ोर कर देता है, उसकी व्यक्तिगत, मानसिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को खत्म कर देता है। धीरे-धीरे व्यक्ति का आत्मविश्वास टूटता है, काम-धंधे में रुचि कम होती जाती है और परिवार के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ने लगता है। समाज में चोरी, हिंसा, घरेलू कलह, सड़क हादसे, अपराध और मानसिक बीमारियों का एक बड़ा कारण नशा ही है। यह लत सिर्फ शरीर को कमजोर नहीं करती, बल्कि चरित्र, व्यक्तित्व और भविष्य को भी खा जाती है। जब किसी परिवार का सदस्य नशे की चपेट में आता है, तो पूरा घर आर्थिक, मानसिक और सामाजिक रूप से टूटने लगता है। माता-पिता, पत्नी, बच्चे और रिश्तेदार सभी परेशानियों के दुष्चक्र में फँस जाते हैं। इसलिए नशे की समस्या किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक चुनौती है।
समाजसेवी जगदीश तनेजा ने कहा
नशे को रोकना केवल कानून या पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक, परिवार, शिक्षक, समाज और संस्था की साझा जिम्मेदारी है। सबसे पहले परिवार में बच्चों को सही मार्गदर्शन, प्यार और अनुशासन का वातावरण देना जरूरी है, ताकि वे गलत संगत या गलत आदतों में न पड़ें। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम, नशा विरोधी अभियान, जीवन कौशल शिक्षा और सकारात्मक गतिविधियों से युवाओं को सही दिशा दी जा सकती है। सरकार द्वारा चल रही नशा मुक्ति योजनाएँ, हेल्पलाइन, पुनर्वास केंद्र और नशा छुड़ाने वाली सेवाओं का सही उपयोग किया जाना चाहिए। नशे की लत लग चुके व्यक्ति को डांटने या तिरस्कार करने की बजाय, उसे समझने, सहानुभूति देने और सही इलाज दिलाने की जरूरत होती है। समाज में खेल, योग, ध्यान, सांस्कृतिक गतिविधियाँ और रोजगार के अवसर बढ़ाकर युवाओं को सकारात्मक दिशा दी जा सकती है।
पार्षद जीतेश शर्मा ने कहा कि नशा बेचने वाले गिरोहों पर कड़ी कार्रवाई और कड़े कानून भी महत्वपूर्ण हैं, ताकि नशे का अवैध व्यापार जड़ से खत्म हो सके। यदि समाज, परिवार और युवा मिलकर नशा मुक्त वातावरण का संकल्प लें, तो आने वाला भविष्य अधिक उज्ज्वल, स्वस्थ और सुरक्षित बन सकता है।
इस दौरान पार्षद जीतेश शर्मा, समाजसेवी प्रकाश शर्मा, पूर्व पार्षद श्रीमति आशा किरन शर्मा, कांग्रेस अध्यक्षा ममता रानी, विकास कुकरेजा, कमल चुघ, दीपक चराया, हैप्पी रंधावा, नेहा सामंत, विकास बठला, राम यादव, होशियार सिंह, हिम्मत सिंह, मोनिका ढाली, मोहन सिंह पाण्डेय, मोहन सिंह, बहादुर सिंह, खुशाल सिंह, जवाहर राम, प्रकाश सोलंकी, आनन्द सिंह मेहता, रेखा गुंसाई, सुनील कुमार, सुषमा शर्मा, गीता देवी, मनीषा देवी, धन सिंह थापा, नरेश सागर, ध्रुव, अमित, दुर्गा देवी, धन सिंह थापा, दीन दयाल गुप्ता, नितिन शर्मा, प्रताप सिंह, अर्चना चौधरी, सीमा चौधरी, शानत देवी बिष्ट, श्वेता शर्मा, नीलम देवी, अन्नू देवी, चन्द्रा देवी, मनीष नारंग, हिमांशु आर्य शान्ति विश्वास समेत बड़ी संख्या में वार्डवासी उपस्थित रहे।


