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Friday, November 22, 2024

75 घटें की छापेमारी के बाद वापस लौटी Income Tax की टीम, गुलशन नारंग बोले-200 करोड़ का आरोप झूठा, बजरंगबली हमारे साथ…

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न्यूज प्रिन्ट ब्यूरो, रुद्रपुर। लकड़ी कारोबारियों के घर व प्रतिष्ठान पर 75 घटें की छापेमारी के बाद आयकर विभाग की टीम लौटने लगी हैं। हालांकि, पुलिस की टीम कारोबारियों के घरों में मौजूद हैं। टीम के जाने के बाद कारोबारी गुलशन नारंग ने कहा कि बजरंगबली हमारे साथ हैं, हम किसी से डरने वाले नहीं है। बता दें कि गुरुवार की सुबह 10 बजे लखनऊ से 12 कारों में आयकर विभाग की कई टीमें रुद्रपुर स्थित गुलशन नारंग, उनके बेटे रौनिक नारंग के घर व प्रतिष्ठान पर पहुंची थी। टीम रौनिक के पार्टनर सौरभ गाबा के घर भी पहुंची थी। टीम ने नारंग परिवार से घर में लंबी पूछताछ की थी। इस दौरान सौरभ के घर को शुक्रवार को सीज करने के बाद शनिवार को खोला गया था। इधर, रविवार की सुबह को कारोबारी रौनिक की तबीयत भी बिगड़ गयी थी। इसके बाद रविवार को करीब ढाई बजे से आयकर विभाग की टीमें नारंग व गाबा के घरों से लौटना शुरू हो गयी। इस दौरान कारोबारी गुलशन नारंग ने कहा कि हम लोग धार्मिक सोच के लोग हैं। हमारे बेटे भी भगवान में आस्था रखते हैं। हमने किसी का बुरा नहीं किया है। हमारे साथ बजरंगबली महाराज हैं। हमारा कुछ भी बिगड़ेगा। टीमें जा रही हैं। सूत्रों की माने तो आयकर विभाग को पिछली 75 घटों की कार्रवाई के दौरान तीनों जगहों से 3.30 लाख रुपये व कुछ जेवरात मिले हैं। जिनकी जांच के बाद टीम ने परिवार को लौटा दिया है। हालांकि, टीम एक मोबाइल फोन साथ लेकर जरूर गयी हैं।

गुरुवार को आयी थीं टीमें

मालूम होकि गुरुवार की सुबह करीब दस बजे लखनऊ से आयकर विभाग की कई टीमें रुद्रपुर शहर पहुंची। 12 कारों में सवार आयकर विभाग के कर्मचारियों ने फर्नीचर कारोबारी गुलशन नारंग के गल्ला मंडी स्थित नारंग फर्नीचर मार्ट, सिविल लाइन स्थित उनके बेटे रौनिक नारंग और साझेदार सौरभ गाबा के मॉडल कॉलोनी स्थित विनायक प्लाई कार्यालय पर छापेमारी की। इस दौरान टीम सौरभ के एयरलाइंस स्थित उनके आवास पर पहुंची। जहां उनका परिवार नहीं मिला। अधिकारियों ने फर्नीचर मार्ट में गुलशन नारंग से दुकान के स्टॉक, बैंक खातों का ब्यौरा, खरीद व बिक्री के रिकॉर्ड के साथ ही अन्य चीजों के बारे में पूछताछ की। इस दौरान विनायक ट्रांसपोर्ट कंपनी के बारे में भी जानकारी जुटाई। परिवार को किसी और से मिलने भी नहीं दिया। टीम ने रौनिक और सौरभ के कॉर्पोरेट दफ्तर विनायक प्लाई में लकड़ी की खरीद व बिक्री के ब्यौरा के दस्तावेजों को भी खंगाला।

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