न्यूज़ प्रिंट, सुनील राणा, शहर में सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे। वहीं अब गली मोहल्ले में भी नाबालिग लड़के रफ्तार के सौदागर बन रहे हैं और खूब तेजी से मोटरसाइकिल और स्कूटी दौड़ा रहे हैं जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
माँ-बाप को सचेत रहना चाहिए
ऐसे में उन नाबालिग बच्चों के माता-पिता को भी सचेत रहना होगा जो इन नाबालिग बच्चों को मोटरसाइकिल और स्कूटी पकड़ा देते हैं। पिछले दिनों शहर में कई सड़क हादसे हुए जिसकी चपेट में आकर कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और कई लोग घायल अवस्था में पहुंच गए।
यातायात सुरक्षा को लेकर अभियान सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गों तक ही सीमित
इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने यातायात के प्रति सुरक्षा को लेकर अभियान भी चलाया लेकिन यह पुलिस का अभियान सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्गों तक ही सीमित होकर रह जाता है। शहर के हर गली मोहल्ले में नाबालिग बच्चे खूब स्पीड से बाइक दौड़ा रहे हैं और एक बाइक पर तीन या चार नाबालिग बच्चे सवार होते हैं और मस्ती के लिए बाइक का पूरा एक्सीलेटर दबा देते हैं। ऐसे में यदि कोई वहां अन्य वाहन से या पैदल चल रहा व्यक्ति इसकी चपेट में आ गया तो उसको तो खामियाजा भुगतना ही पड़ेगा लेकिन उन नाबालिग बच्चों का क्या होगा जो इतने धड़ल्ले से मोटरसाइकिल और स्कूटी दौड़ा रहे हैं। शहर की किसी भी और गली मोहल्ले में इन नाबालिग बच्चों को वाहन चलाते देखा जा सकता है। जिनकी उम्र मात्र 12 से 15 वर्ष के भीतर है।
माँ-बाप लाड़ प्यार के वश में आकर कर देते हैं गलती
जिन बच्चों की उम्र पढ़ाई लिखाई और अपना करियर संवारने की होनी चाहिए वह सिर्फ मस्ती के लिए इतनी तेजी से वाहन को चला रहे हैं यदि कोई हादसा हो जाता है तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि उन बच्चों के जीवन और कैरियर पर कितना प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में उन माता-पिता को भी आंखें खोलनी चाहिए जो सिर्फ लाड और प्यार के वश में आकर अपने नाबालिग बच्चों को वाहन दे देते हैं। साथ ही पुलिस प्रशासन को भी हर मोहल्ले में जाकर एक अभियान चलाना चाहिए कि कोई भी अपने नाबालिग बच्चों को दो पहिया वाहन ना चलाने दे अन्यथा उनके अभिभावकों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी तभी इस पर अंकुश लगाया जा सकता है।