रुद्रपुर। कल्याणी नदी को पूर्व की भांति स्वच्छ और धारा प्रवाह बनाने के लिए प्रशासन ने ठोस कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत नदी में गिरने वाले नालों के पानी को टैप कर एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) तक ले जाया जाएगा और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में जिला सभागार में आयोजित बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि कल्याणी नदी पर हुए अतिक्रमणों के कारण इसका प्रवाह रुक गया है और वर्षा ऋतु में जलभराव एवं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय, नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल, एसडीएम मनीष बिष्ट, ओसी गौरव पांडेय, उप नगर आयुक्त शिप्रा जोशी, पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता सुनील जोशी, सिंचाई विभाग के बीएस डांगी, और क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी एसपी सिंह समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।
1028 अतिक्रमण चिन्हित, 5 जुलाई तक हटाने के निर्देश
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक नदी क्षेत्र में 1028 अतिक्रमण चिन्हित किए जा चुके हैं, जिनमें से 550 को नोटिस जारी कर दिया गया है, जबकि शेष 478 को 18 जून तक नोटिस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए हैं कि सभी अतिक्रमणकारियों को 5 जुलाई तक स्वयं अतिक्रमण हटाना होगा।
एसटीपी के लिए स्थल चिन्हित, एनओसी प्राप्त
नदी में गिरने वाले नालों के पानी को शुद्ध करने के लिए एसटीपी की योजना बनाई गई है। यह एसटीपी अटरिया पुल से दक्षिण की ओर पांच किलोमीटर क्षेत्र में प्रस्तावित है, जहां अतिक्रमण की स्थिति भी अधिक है। पेयजल निगम ने नगर निगम से इसके लिए एनओसी प्राप्त कर ली है, और एसटीपी नजूल भूमि पर बनेगा।
