न्यूज़ प्रिंट रुद्रपुर। तराई सिख महासभा ने नानकमत्ता गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी के सदस्यों के खिलाफ षडय़ंत्र रचने का आरोप लगाते हुए डेरा कारसेवा प्रमुख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को तराई सिख महासभा के बैनर तले सिख महासभा के बैनर तले सिख समाज के दर्जनों लोग रिंग रोड आवास-विकास स्थित गुरुद्वारा दशमेश नगर इकट्ठा हुए। वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2016 में कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन उत्तरप्रदेश व उत्तराखण्ड के 8 जिलों से कुल 1150 गुरुद्वारों के डेलीगेट द्वारा पांच साल के लिए नानकमत्ता गुरुद्वारा साहिब की 27 सदस्यीय कमेटी चुनी गई थी। बताया कि वर्ष 1114 से 20 वर्ष के लिए कार्यदायी संस्था कारसेवा को गुरुद्वारा व अन्य परिसंपत्तियों के निर्माण व रख-रखाव का जिम्मा सौंपा गया था। कहा कि 1180 के दशक में डेरा कार सेवा के स्थानीय निवासी तरसेम सिंह पुत्र बिरसा सिंह द्वारा प्रभुत्व स्थापित किया गया और अपनी महत्वकांक्षा के चलते तरसेम सिंह ने 1118 में कमेटी के खिलाफ साजिशन 1 मुकदमा दायर कराया गया। फलस्वरूप जिला न्यायालय द्वारा दौराने मुकद्मा गुरुद्वारा व अन्य संपत्तियों की सुरक्षा के लिए रिसीवर की नियुक्ति के आदेश दिए गये थे। महासभा पदाधिकारियों ने कहा कि तराई सिख महासभा द्वारा 1118 से लंबित मुकदमे की पूरजोर पैरवी की गई जिसके बाद आठ सितम्बर 2016 को कोर्ट ने कमेटी के पक्ष में फैसला सुनाया। बताया कि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने बतौर चुनाव अधिकारी कमेटी का चुनाव करावाया और गुरुद्वारा व अन्य परिसंपत्तियों पर रखे कारसेवा के दानपात्र को बाहर निकलवा दिया था। महासभा पदाधिकारियों ने डेरा कारसेवा संचालक पर अपने कारिन्दों द्वारा कमेटी सदस्यों पर झूठे मुकदमें में फंसाने का आरोप लगाया है साथ ही चेतावनी भरे लहजे मेें कहा कि अगर पुलिस प्रशासन द्वारा कमेटी सदस्यों पर दर्ज फर्जी मुकदमों को निरस्त नहीं किया गया तो सिख समाज पुलिस प्रशासन के खिलाफ आंदोलन को मजबूर होगा। इस दौरान प्रीतम सिंह संधू, जसवीर सिंह विर्क, जागीर सिंह जख्मी, बाजिन्दर सिंह निर्मल सिंह, पलविन्दर सिंह, प्रतपाल सिंह, गुरुमीत सिंह, गुरुसेवक सिंह, चरणजीत सिंह, जसबीर सिंह, बलजीत सिंह, प्रगट सिंह, गुरुमेज सिंह, जगजीत सिंह भुल्लर, रूप सिंह, फतेहजीत सिंह, सतवंत सिंह समेत तराई सिख महासभा से जुड़े अनेक पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।