न्यूज प्रिन्ट,रुद्रपुर – बीती शाम मुख्य बाजार स्थित एक शोरूम के बाहर अतिक्रमण की शिकायत मिलने पर नगर निगम कर्मचारियों द्वारा नोटिस चस्पा किए जाने से बाजार में भारी हंगामा खड़ा हो गया। नोटिस लगाए जाने पर दुकान स्वामी ने उसे फाड़ दिया, जिसकी सूचना मिलते ही नगर आयुक्त शिप्रा पांडे पुलिस बल और जेसीबी के साथ मौके पर पहुंच गईं। देखते ही देखते वहां व्यापारियों और स्थानीय नेताओं की भीड़ जमा हो गई और काफी देर तक तनावपूर्ण माहौल बना रहा।
नगर निगम को शिकायत मिली थी कि मुख्य बाजार के जे.जे. ज्वेलर्स के बाहर अतिक्रमण किया गया है। इसके बाद निगम कर्मचारी वहां पहुंचे और शटर पर चालान नोटिस चस्पा किया। निगम कर्मियों का कहना है कि नोटिस लगाते समय दुकान स्वामी और उसके कर्मचारियों ने उन्हें धमकाया और नोटिस फाड़ दिया। इस पर कर्मचारी निगम कार्यालय लौटे और पूरी जानकारी महापौर विकास शर्मा को दी, जिसके बाद आयुक्त मौके पर कार्रवाई के साथ पहुंचीं और दुकान सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
कार्रवाई की भनक लगते ही पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल, व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा, महामंत्री मनोज छाबड़ा सहित सैकड़ों व्यापारी मौके पर पहुंच गए और निगम की कार्रवाई का विरोध किया। इस दौरान निगम कर्मियों और व्यापारियों के बीच तीखी नोंकझोंक भी हुई, जिसे पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद शांत कराया।
बाद में सभी व्यापारी नगर निगम कार्यालय पहुंचे और महापौर के साथ बैठक हुई। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि बाजार में जगह-जगह ठेली–फड़ वाले कब्जा किए रहते हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं होती, जबकि दुकानदारों को निशाना बनाया जा रहा है। पूर्व विधायक ठुकराल ने कहा कि मुख्य बाजार में दुकान को सील करने की कार्रवाई शहर में पहली बार हो रही है, जो गलत है।
महापौर विकास शर्मा ने कहा कि शहर के सौंदर्यीकरण और यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए अतिक्रमण हटाना आवश्यक है। दीपावली पर व्यापार बढ़ाने के लिए नगर निगम ने बेहतर प्रयास किए, और वे चाहते हैं कि मुख्य बाजार व्यवस्थित रहे ताकि व्यापार प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि यदि व्यापारी स्वयं तय कर लें कि अतिक्रमण नहीं करेंगे, तो निगम बाजार में कड़ी कार्रवाई नहीं करेगा।
लंबी चर्चा के बाद यह सहमति बनी कि मुख्य बाजार में कोई भी दुकानदार अपनी दुकान के बाहर किसी भी प्रकार की ठेली, फड़, खोखा या अतिक्रमण नहीं करेगा। यदि कोई व्यापारी अतिक्रमण करता पाया गया तो नगर निगम उसके खिलाफ चालानी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र रहेगा।
काफी गहमागहमी के बाद मामला शांत हुआ और सभी पक्ष सहमत हुए कि मुख्य बाजार को अतिक्रमणमुक्त रखा जाएगा।


