न्यूज प्रिन्ट, हरिद्वार। भारतीय संस्कृति की पोषक और मोक्षदायिनी मानी जाने वाली मां गंगा के अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर बुधवार को धर्मनगरी हरिद्वार में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। गंगा स्नान के लिए दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी समेत विभिन्न गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण हरिद्वार-देहरादून हाईवे समेत कई मार्गों पर लंबा जाम लग गया, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस वर्ष गंगा दशहरा पर हस्त नक्षत्र, सिद्धि योग और व्यतिपात योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह संयोग कई दशकों बाद बना है और ऐसे योग में गंगा में स्नान, दान, जप-तप और व्रत करने से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है।
ज्योतिषाचार्य उदय शंकर भट्ट के अनुसार, इस विशेष संयोग की साक्षी में गंगा पूजन विशेष फलदायी होता है। उन्होंने कहा कि मां गंगा न केवल जीवनदायिनी हैं, बल्कि मोक्ष देने वाली भी मानी जाती हैं। यह पर्व तन-मन की शुद्धि और कल्याण का प्रतीक है।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी
गंगा दशहरा पर स्नान करते समय श्रद्धालुओं से गंगा की पवित्रता बनाए रखने की अपील भी की गई। प्रशासन और धार्मिक संस्थाओं ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे स्नान के दौरान साबुन या मैल गंगा में न धोएं, कपड़े न धोएं और न ही प्लास्टिक या अन्य अपशिष्ट सामग्री गंगा में डालें।
पंडितों और गंगा सभा की ओर से लोगों को यह भी सलाह दी गई कि वे गंगा में शुद्ध घी के दीपक प्रवाहित करें, मिट्टी के दीपक का ही प्रयोग करें और यथाशक्ति दान करें।
राजा भगीरथ के प्रयासों से पृथ्वी पर अवतरित हुई मां गंगा आज भी भारतीय संस्कृति की जीवनधारा बनी हुई हैं। गंगा दशहरा के अवसर पर हरिद्वार सहित समस्त गंगा तटों पर श्रद्धा और भक्ति का दृश्य अद्भुत रहा।