वाशिंगटनः अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में ईरान बड़ी साजिश रचने वाला था। मगर इससे पहले ही उसकी साजिश का पर्दाफाश हो गया है। बताया जा रहा है कि ईरानी हैकरों ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के अभियान को उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप के अभियान से चुराई गई जानकारी से जोड़ने की कोशिश की और 2024 के चुनाव में हस्तक्षेप करने के प्रयास के तहत उन्होंने राष्ट्रपति से जुड़े लोगों को अनचाहे ईमेल भी भेजे।अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) और अन्य संघीय एजेंसियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि मेल पाने वाले किसी भी व्यक्ति ने जवाब दिया, जिससे हैक की गई जानकारी को चुनाव के अंतिम महीनों में फैलने से रोका जा सका। हैकरों ने जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में बाइडेन के अभियान से जुड़े लोगों को ईमेल भेजे थे, लेकिन उसके कुछ ही समय बाद बाइडेन ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया। अमेरिकी सरकार के एक बयान के अनुसार, ईमेल में ‘‘पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के अभियान से चुराई गई, गैर-सार्वजनिक सामग्री से लिया गया एक अंश शामिल था।’’ इससे पहले भी एफबीआई और अन्य संघीय एजेंसियां ईरान पर ‘‘हैक और लीक’’ का सहारा लेकर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगा चुकी हैं।
क्या है एफबीआई का कहना?
एफबीआई, राष्ट्रीय खुफिया एवं साइबर सुरक्षा तथा अवसंरचना सुरक्षा एजेंसी कार्यालय ने कहा है कि ट्रंप के अभियान की जानकारी हैक करना और बाइडन-हैरिस के अभियान में सेंध लगाने का प्रयास चुनाव में मतदाताओं के विश्वास को कम करने तथा विवाद भड़काने के प्रयास का हिस्सा है। ट्रंप के प्रचार अभियान दल ने 10 अगस्त को खुलासा किया था कि उसके अभियान की जानकारी को हैक कर लिया गया है। उसने कहा कि ईरानी हैकरों ने संवेदनशील गुप्त दस्तावेज चुरा लिए हैं तथा उन्हें वितरित किया है।