रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जि़ले में रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसा गौरीकुंड के जंगलों में सुबह लगभग 5:30 बजे हुआ, जब केदारनाथ दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं को गुप्तकाशी ले जा रहा आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलिकॉप्टर में सवार पायलट समेत सभी 7 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई और सभी लोग मौके पर ही जलकर राख हो गए। मृतकों में एक 23 महीने की बच्ची भी शामिल है।
हादसे में जान गंवाने वाले
विक्रम सिंह रावत (46)-ग्राम रांसी, ऊखीमठ (बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति कर्मचारी)
विनोद देवी (66)- बिजनौर, उत्तर प्रदेश
तुस्ती सिंह (19) -बिजनौर, उत्तर प्रदेश
राजुकुमार सुरेश जायसवाल (41) – वाणी, महाराष्ट्र
शारदा राजकुमार जायसवाल (35)- वाणी, महाराष्ट्र
काशी (23 महीने की बच्ची) – वाणी, महाराष्ट्र
कैप्टन राजीव चौहान -पायलट, निवासी राजस्थान

कोहरे की वजह से हादसा
हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे के मुताबिक, इलाके में विजिबिलिटी शून्य थी। उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होकर आग की चपेट में आ गया।
हादसे के बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया गया। घटना की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो को सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री का सख्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा दुख जताया और हेलिकॉप्टर संचालन को लेकर सख्त एसओपी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी जांच और मौसम की सटीक जानकारी सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा।
हेलिकॉप्टर सेवाएं रोकी गईं
यूसीएडीए की सीईओ सोनिका ने बताया कि मौसम को देखते हुए शटल सेवाएं फिलहाल बंद कर दी गई हैं और ज्यादातर हेलिकॉप्टर बचाव अभियान में जुटे हैं। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि दुर्घटना स्थल गौरीकुंड से करीब 7 किमी ट्रैकिंग दूरी पर स्थित है। यह हादसा एक बार फिर उत्तराखंड में हवाई सुरक्षा मानकों की समीक्षा की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
