देहरादून। उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को अब लागू कर दिया गया है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। आपको बता दें कि उत्तराखंड यूसीसी में शादी, तलाक, उत्तराधिकार, लिव-इन के लिए कानून हैं। यह देश के बाकी राज्यों से अलग है। यूसीसी लागू होने के बाद अब उत्तराखंड में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कानून प्रभावी नहीं होगा। खास बात ये है कि राज्य सरकार ने इसे लागू करने से इसके प्रति लोगों को जागरूक भी किया था। यूसीसी का एक पोर्टल भी आज लॉन्च किया गया है। आपको बता दें कि यूसीसी के नियम लागू करने से पहले इसे लेकर काफी लंबी कवायद चली थी। लोगों से विचार विमर्श किया गया था और पूरे उत्तराखंड में सभी लोगों से सलाह भी ली गई थी। इसके लिए एक विशेषज्ञ कमिटी बनाई गई थी। बीते दिनों कैबिनेट ने यूसीसी की नियमावली पर अपनी सहमति जताई थी।
क्या है समान नागरिक संहिता?
यूसीसी का मतलब है कि राज्य में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गोद लेने, संपत्ति के बंटवारे और अन्य सिविल मामलों के लिए एक समान कानून लागू होगा। इसका उद्देश्य विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ की जगह एक समान प्रणाली स्थापित करना है। इसके तहत शादी और लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल्स को भी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।