नई दिल्ली। मंगफ अग्नि त्रासदी में मारे गए 45 प्रवासी श्रमिकों के शवों को लेकर भारतीय वायु सेना का एक विमान शुक्रवार को कोच्चि में उतरने के तुरंत बाद, पीडि़तों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए। परिवहन विमान आज सुबह लगभग 10:30 बजे कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। विमान में मौजूद विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, जिन्होंने नश्वर अवशेषों की शीघ्र स्वदेश वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, ने कहा कि कुवैती सरकार ने आग की घटना को गंभीरता से लिया है।
विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि वे पूछताछ कर रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ ताकि इस तरह की दुखद घटना दोबारा न हो। उन्होंने हमें सभी कागजी कार्रवाई का भी आश्वासन दिया है। आज सुबह सीआईएएल पहुंचने के बाद, 45 निकायों के लिए सभी सीमा शुल्क, आव्रजन और हवाईअड्डा स्वास्थ्य कार्यालय प्रक्रियाएं पूरी की गईं। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के इकतीस शव यहां उतारे गए। मंजूरी के बाद बाकी 14 शवों को घरेलू उड़ान वाले विमान से ही दिल्ली भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। यह बहुत दुखद घटना है और हम सभी इससे बहुत दुखी हैं।उन्होंने कहा कि जैसे ही हमारी सरकार को पता चला कि यह घटना हुई है, पीएम मोदी ने तुरंत एक बैठक बुलाई और हमें तुरंत कुवैत पहुंचने और हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया ताकि पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द वापस लाया जा सके।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, अन्य शीर्ष मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने केरल के रहने वाले मृतकों के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और अन्य नेताओं ने कोचीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कुवैत में आग लगने की घटना के पीडि़तों के शवों को श्रद्धांजलि दी।