एसडीएम कार्यालय के सामने व्यापारियों ने भाजपाईयों संग किया प्रदर्शन
न्यूज प्रिन्ट, किच्छा। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल चुनाव अभी के लिये खटाई में पड़ता दिखाई दे रहा है। तमाम हंगामे से शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया को लेकर अबतक कई सवाल खड़े हो चुके हैं। लिहाजा, प्रशासन चुनाव को लेकर कड़ा निर्णय ले सकता है। हालांकि, अभी तक अध्यक्ष पद के प्रत्याशी गुलशन सिंधी मैदान में डटे हुये हैं जबकि उनके प्रतिद्वंदी अमन मदान और दानिश इकबाल प्रशासन के समक्ष निष्पक्ष चुनाव नहीं होने का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। सोमवार को भाजपा नगर अध्यक्ष मनमोहन सक्सेना के नेतृत्व में तमाम भाजपाई और व्यापारी एसडीएम कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने दरी बिछाकर धरना प्रदर्शन करते हुये चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये।
उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल चुनाव में कमेटी का एक प्रत्याशी के प्रति झुकाव है, जिसके चलते पूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा। कहा कि एक प्रत्याशी को सदस्यों की पर्ची को दे दिया गया और वो प्रत्याशी अब उन पर्ची को शहर के व्यापारियों में बांट नहीं रहा है। जिससे व्यापारियों में ना सिर्फ रोष बल्कि चुनाव की निष्पक्षता पर भी प्रश्रचिन्ह लग रहा है। क्योंकि आरोपित प्रत्याशी उक्त पर्ची को सिर्फ उनतक ही पहुंचा रहा है, जिनको लेकर वह कॉन्फिडेंट है कि वो उनको वोट देगा। ऐसे में बाकी के बचे प्रत्याशी असमंजश की स्थिति में है।
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि शहर के बाहर के लोग जिनकी किच्छा क्षेत्र में दुकानें भी नहीं हैं उनके भी वोट बनाये गये हैं। जोकि एक तरह का फर्जीवाड़ा है, ऐसी स्थिति में चुनाव के दौरान शांतिभंग होने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिये कि वह पूरी प्रक्रिया को निष्पक्ष कराये। प्रदर्शन के दौरान एसडीएम ने उनकी बात सुनकर निष्पक्ष रूप से कार्रवाई का भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि फिलहाल, स्थिति सही नहीं दिख रही है। लिहाजा, वह शीर्ष अधिकारियों से वार्ता करने के बाद ही चुनाव को लेकर कुछ भी कह सकेंगे।
जब भिड़े जिलाध्यक्ष राजकुमार और विजय
किच्छा। हुआ यूं कि जिलाध्यक्ष राजकुमार भुड्डी, महामंत्री निर्मल सिंह हंसपाल सहित कमेटी के अन्य सदस्य एसडीएम के कार्यालय से वार्ता कर बाहर निकले तो व्यापार मंडल के निवर्तमान महामंत्री विजय अरोरा ने राजकुमार भुड्डी को रोकते हुये उनसे सवाल किया। उनके जवाब से असंतुष्ट होकर विजय ने कुछ कहा तो राजकुमार और विजय आमने-सामने आ गये। दोनों के बीच तनातनी का माहौल देख प्रशासन ने तुरंत दोनों को अलग कराया। उधर, विजय ने इस मामले में जिलाध्यक्ष राजकुमार के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।