शहर शहर पुलिस की अभद्रता और पिटाई के वीडियो वायरल, लोगों में बढ़ रहा है आक्रोश
न्यूज़ प्रिंट, सुनील राणा– देश का पहला राज्य था जहां इस राज्य की पुलिस को मित्र पुलिस का दर्जा दिया गया था, लेकिन इन दोनों इतनी हैरानी की खबरें आ रही हैं कि मित्र पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर यह मित्र पुलिस इतनी अमानवीय कैसे हो गई। शहर शहर में पुलिस की अभद्रता और पिटाई के मामले सामने आ रहे हैं ,जिसको लेकर लोगों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। उत्तराखंड राज्य के गठन को लगभग 24 वर्ष हो चुके हैं।
इन 24 वर्षों के दौरान पुलिस के तमाम अधिकारी अलग-अलग जनपद में तैनात रहे, लेकिन पूर्व में कभी भी कोई ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया कि पुलिस ने अकारण किसी निर्दोष व्यक्ति का उत्पीड़न किया हो, कोई भी एक आध अपवाद इससे परे है, लेकिन इन दिनों लगातार पुलिस के उत्पीड़न की घटनाएं सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आ रही हैं। यदि हम बात रुद्रपुर की करें तो पिछले दिनों एक सिख युवक से आदर्श कॉलोनी चौकी इंचार्ज संदीप पिलख्वाल ने अभद्रता की थी। जिसको लेकर तमाम संगठनों और लोगों में रोष छा गया था।
जिस पर एसएसपी ने आरोपी दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया था ,लेकिन लोग उसके संतुष्ट नहीं थे, उनका कहना है कि आरोपी दरोगा का निलंबन किया जाए। आज जिस प्रकार से हल्द्वानी के खनसयू का वीडियो वायरल हुआ है, वह तो बेहद चौंकाने वाला है कि जब वहां के दरोगा ने एक युवक की इतनी निर्ममता से पिटाई कर दी ,कि उसका शरीर का कोई भी हिस्सा पीड़ा और दर्द से नहीं बचा। मात्र बाइक के चालान को लेकर पुलिस इतनी उग्र हो चुकी है कि वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हो चुकी है, ऐसे में जिस प्रकार से पुलिसकर्मी आम जनमानस के साथ व्यवहार कर रहे हैं वह प्रदेश की धामी सरकार के लिए सुखद संकेत नहीं है।
आम जनमानस पुलिस पर अटूट विश्वास करता है और उन्हीं के विश्वास के चलते वह स्वच्छंद होकर अपना कार्य करता है। पुलिस कर्मियों को अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, यह समाज का हर वर्ग चाहता है ,लेकिन जिस प्रकार से आम जनमानस को प्रताड़ित किया जाता है वह बेहद दुखदाई होता है। ऐसे में पुलिस को अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा तभी वह उत्तराखंड की जनता की मित्र पुलिस बन पाएगी।