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Monday, February 10, 2025

Rudrapur को इंदौर बनाने का सपना…, सपना ही रहा अब स्मार्ट सिटी का ख्याली पुलाव बांट रही भाजपा

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शिवम शर्मा, न्यूज प्रिन्ट रुद्रपुर। उत्तराखंड के रुद्रपुर शहर को ‘इंदौर’ बनाने का सपना दिखाने वाली भाजपा सरकार का तीसरा इंजन फेल साबित हुआ है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पिछले साल जारी 2023 स्वच्छता सर्वेक्षण की लिस्ट में रुद्रपुर को 417वां स्थान मिला है। वो भी तब जब भाजपा के मेयर ने 2018 में चुनाव जीतते ही शहर को इंदौर की तर्ज पर साफ-स्वच्छ बनाने का वादा किया था। उनका वादा भले ही पूरा न हुआ हो लेकिन अब भाजपा ने जनता को स्मार्ट सिटी का सपना दिखाना शुरू कर दिया है। लेकिन सवाल है कि जनता भाजपा के नये वादे पर विश्वास कैसे करे? यह शहर, जो राज्य के प्रमुख औद्योगिक नगरों में से एक है, आज भी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। मसलन, शहर में जलभराव की समस्या, गलियों में गंदगी का अंबार, शहर में जाम की स्थिति जैसी तमाम समस्याओं से आज भी जनता को दो-चार होना पड़ता है। बता दें 2013 से रुद्रपुर की मेयर सीट पर भाजपा का कब्जा है। पहले कार्यकाल में भाजपा नेता सुरेश कोली की पत्नी सोनी कोली तो दूसरे कार्यकाल में रामपाल ने जनता को तमाम सपने दिखाए।

साल 2018 के निगम चुनाव में भाजपा ने कई बड़े-बड़े वादे—बेहतर सफाई व्यवस्था, सुचारू यातायात, नजूल मुद्दा, जलभराव की समस्या का समाधान, मोहल्ला क्लिनिक और आधुनिक सुविधाओं से लैस रुद्रपुर को विकसित करने की बात कही थी। लेकिन हकीकत सभी के सामने है। मेयर रामपाल ने अपने एक बयान में रुद्रपुर को ‘इंदौर’ की तर्ज पर विकसित करने की बात कही थी, तो जनता को उम्मीद थी कि शहर की दशा और दिशा बदलेगी। उन्होंने बेहतर सड़कें, कचरा प्रबंधन, पानी की आपूर्ति और पर्यावरण के अनुकूल योजनाओं की उम्मीद की थी। लेकिन आज भी रुद्रपुर की हालत में बहुत अधिक सुधार नहीं है। शहर की कई सड़के गड्ढों से भरी हैं। तो जलभराव की समस्या, और कई गलियों में कूड़े के ढेर ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा के वादे केवल भाषणों तक ही सीमित हैं। भाजपा ने रुद्रपुर को इंदौर बनाने का सपना दिखाकर खूब वोट बटोरे। लेकिन आज जब जनता उन वादों का हिसाब मांग रही है, तो जवाब में केवल नई-नई घोषणाएं की जा रही हैं। इस बार के नए वादे में भाजपा प्रत्याशी ने रुद्रपुर को स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया है। लेकिन उनके इस वादे पर जनता कैसे विश्वास करे, क्योंकि भाजपा प्रत्याशी के साथ चल रहे पूर्व के दोनों मेयर के वादे तो आज तक पूरे नहीं हुये हैं।

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