रुद्रपुर। गदरपुर क्षेत्र में एक निजी सुरक्षा एजेंसी द्वारा बिना वैध अनुमति के सुरक्षा सेवाएं देने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) के सदस्य कुलदीप मिश्रा द्वारा रुद्रपुर थाना पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है।
शिकायत में फ्रन्टिन सिक्योरिटी सर्विसेज नामक एजेंसी पर आरोप लगाया गया है कि उसने जनवरी और फरवरी 2025 के दौरान बिना वैध लाइसेंस के निजी सुरक्षाकर्मी विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में तैनात किए। शिकायत के अनुसार, यह कार्य प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज़ रेग्युलेशन एक्ट (पसारा अधिनियम), 2005 की धारा 4 और 20 का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसके तहत बिना लाइसेंस के निजी सुरक्षा सेवाएं देना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। कुलदीप मिश्रा ने आरोपों के समर्थन में एजेंसी द्वारा तैनात सुरक्षाकर्मियों की तस्वीरें, भविष्य निधि (पीएफ) और कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) से संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित एजेंसी और उसके संचालकों पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
क्या है पसारा लाइसेंस?
पसारा, यानी प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसीज़ रेग्युलेशन एक्ट, 2005 भारत सरकार द्वारा पारित एक अधिनियम है। इसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति या संस्था यदि निजी सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध कराना चाहती है, तो उसे संबंधित राज्य सरकार के गृह विभाग से पहले अनुमति यानी पसारा लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। यह कानून निजी सुरक्षा एजेंसियों की कार्यप्रणाली को एक व्यवस्थित और नियंत्रित ढांचे में लाने के लिए लागू किया गया है। इस लाइसेंस के बिना निजी सुरक्षा सेवाएं देना गैरकानूनी माना जाता है और इसमें दोषी पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
संचालकों के विरुद्ध नामजद शिकायत
फ्रन्टिन सिक्योरिटी सर्विसेज के संचालकों जितेंद्र सिंह और प्रभजोत कौर, जो गदरपुर के कंकटा गांव के निवासी बताए गए हैं, को इस शिकायत में मुख्य रूप से नामजद किया गया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी वैध लाइसेंस के सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति की, जिससे न सिर्फ कानून का उल्लंघन हुआ, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
सीएपीएसआई की मांग
सीएपीएसआई के अनुसार उनका संगठन लगातार देशभर में अवैध रूप से चल रही निजी सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ न सिर्फ जनजागरूकता फैलाने का कार्य कर रहा है, बल्कि संबंधित विभागों से सख्त कार्रवाई की भी मांग करता रहा है।
संगठन ने इस मामले को गंभीर बताते हुए स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ शीघ्र एवं कठोर कदम उठाए जाएं, जिससे भविष्य में कोई भी एजेंसी इस प्रकार से कानून को नजरअंदाज न कर सके।


