न्यूज प्रिन्ट, रुद्रपुर। उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स की विभिन्न समस्याओं के सम्बन्ध में आज रुद्रपुर के एक स्थानीय होटल में बैठक हुई।
बैठक में राईस मिलर्स द्वारा वताया गया कि धान खरीद वर्ष 2024-25 में सरकारी धान खरीद योजना के अन्तर्गत कच्चा आडती के माध्यम से जो धान किसानों का खरीदा गया है उसका चावल सरकार को देने हेतु माह अक्टूवर 2024 से माह मार्च 2025 तक मात्र 16 लाटों (180&16=2880 कु0) का प्रोग्राम मिलर्स को प्राप्त हुआ है और इस प्रोग्राम में अधिकाश सेन्टरों पर स्पेस न होने के कारण लाटे नहीं उतर पा रही है।
मिलर्स द्वारा प्रदेश अध्यक्ष नरेश कंसल को यह भी अवगत कराया कि जब मिलर्स एफ0सी0आई में चावल उतारने के लिए तैयार तो एफ0सी0आई0 के पास कोई स्पेस नही था। और अभी हाल ही में एफ0सी0आई0 द्वारा एक और आदेश जारी किया गया है कि एफ0 सी0आई0 में केवल नान-एफ0आर0 के0 चावल उतारा जायेगा, जबकि मिलर्स द्वारा एफ0सी0आई0 में पूर्व में जो चट्टे बुक कराये गये है उसके अनुसार मिल द्वारा एफ0आर0के0 मिलाकर लाटे तैयार कर ली तथा चावल में जो एफ0आर0के0 मिला है वह सोरेटेक्स नही हो सकता ऐसी स्थिति में एफ0सी0आई0 विभाग द्वारा वार वार अलग अलग आदेश जारी करने से मिलर्स को काफी वित्तीय हानि हो रही है। मांग की गई कि मिलर्स के एफ0आर0के0 मिली चावल की लाटों को एफ0सी0आई0 में उतारा जाये।
मिलर्स द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि जिस प्रकार दूसरी सरकारी एजेन्सियों जैसे यू0सी0एफ0, पी0सी0यू0, एन0सी0सी0एफ0, आदि भी कय एजेन्सियों के रूप में कार्य कर रही है उसी प्रकार कच्चा आड़ती भी एक एजेन्सी के रूप में सरकार के साथ धान खरीद का कार्य करती है, लेकिन सरकार द्वारा इन कय एजेन्सियों से मात्र 2 प्रतिशत मण्डी शुल्क लिया जाता है और कच्चा आड़ती से 2.50 प्रति मण्डी शुल्क (जिसमें 0.50 प्रतिशत विकास सेस शामिल है) लिया जाता है। जबकि सभी व्यवस्थायें एक जैसी है। इसलिए मांग की गई कि कच्चा आड़ती से भी 2 प्रतिशत मण्डी शुल्क लिया जाये। विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 के धान के परिवहन बिलों का भुगतान अभी तक नही किया गया है, उक्त के साथ ही यह भी वताया गया कि मिलर्स को धान से चावल निर्मित कर विभाग द्वारा वताये गये गोदामों पर पहुंचाने पर परिवहन मद में काफी अधिक धनराशि व्यय करनी पड़ती है परन्तु विभाग द्वारा पिछले 03 वर्षों से एक ही दर पर परिवहन का भुगतान किया जा रहा है, जिससे मिलसों को काफी आर्थिक क्षति हो रही है। जबकि सरकार द्वारा खाद्य आपूर्ति ठेकेदारो को अधिक दरों पर परिवहन का भुगतान किया जाता है। इसके लिए मिलर्स द्वारा विभाग से खाद्य आपूर्ति ठेकेदारो की भांति परिवहन का भुगतान करने हेतु मांग की गई।
प्रदेश अध्यक्ष द्वारा शासन से मांग की गई कि यदि आगामी वर्ष की धान खरीद नीति पंजाव, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों की तर्ज पर नही बनाई जो कोई भी मिलर्स कच्चा आड़ती का कार्य नही करेगा जिसके लिए बैठक में उपस्थित समस्त राईस मिलर्स द्वारा अपनी सहमति व्यक्त की गई। बैठक में उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एशोसियसन के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कंसल, उपाध्यक्ष रमेश गर्ग, कोषाध्यक्ष पंकज बांगा, महामंत्री श्याम अग्रवाल, सचिन पूर्व अध्यक्ष उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एशोसियसन उत्तराखण्ड राईस मिलर्स एशोसियसन, सौरभ सिंघल अध्यक्ष सितारगंज, ईश्वरी वंसल, खटीमा, अमित जिन्दल महामंत्री रुद्धपुर, जितेन्द्र सिंघल, लालपुर, हिमांशू काशीपुर, मनोज अध्यक्ष जसपुर आदि उपस्थित रहें।