प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक ने कहा, किच्छा की जनता ने विवादपुरुष को दिखाया आईना
न्यूज़ प्रिंट, किच्छा। कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ ने किच्छा में अपने बूथ पर पार्टी को मिली हार के लिये नैतिक जिम्मेदारी ली है। नैतिक जिम्मेदारी वाले बयान पर भाजपा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कटाक्ष किया है। शुक्ला ने शुक्रवार को अपने कार्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा कि अगर सच में विधायकजी अपनी हार की नैतिक जिम्मेदारी ले रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिये। क्योंकि नैतिक जिम्मेदारी बिना पद से हटे पूरी नहीं होगी। दरअसल, लोकसभा चुनाव में विधायक तिलकराज बेहड़ के बूथ मलसा पर कांग्रेस को हार मिली है। यही नहीं पार्टी, विधायक बेहड़ के रुद्रपुर स्थित घर व किच्छा कार्यालय के बूथ पर भी हारी है। इन जगहों पर मिली हार के बाद विधायक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये हार को स्वीकार किया है। उनके इस बयान पर पूर्व विधायक शुक्ला ने कहा कि नैतिक जिम्मेदारी लेना तब माना जाता है जब वह व्यक्ति अपने पद से इस्तीफा दे, वरना नैतिक जिम्मेदारी का क्या मतलब है? कहा कि किसी ने बेहड़ से नैतिक जिम्मेदारी लेने की मांग या आरोप नहीं लगाया बल्कि खुद उन्होंने यह बयान दिया कि मैं अपने गांव मलसा में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं, जबकि उन्होंने किच्छा विधानसभा के बूथ नंबर 80 की हार की जिम्मेदारी नहीं ली जहां उनका कैंप कार्यालय एवं परिवार सहित वोट है, यहां उन्हें 101 मत मिले और बीजेपी को 431 मत मिले, इसी प्रकार रुद्रपुर के आवास विकास स्थित बूथ नंबर 48 जहां वह वर्षों से रह रहे हैं वहां भी कांग्रेस की बड़ी हार हुई है वहां कांग्रेस को 81 जबकि भाजपा को 312 को मत मिले हैं। कहा कि विधायक बेहड़ के मुंह से नैतिकता की बात अच्छी नहीं लगती और न ही उन्हें नैतिक जिम्मेदारी का पता है यदि वास्तव में वे नैतिक जिम्मेदारी ले रहे हैं तो उन्हें इस्तीफा देकर पुन: जनादेश लेना चाहिए।
ढाई सालों में ही बेहड़ से जनता का मोह भंग
पूर्व विधायक शुक्ला ने कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम से साफ है कि किच्छा की जनता का मोह कांगे्रस विधायक से भंग हो चुका है। किच्छा के 160 बूथों में से 18 बूथों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। जिन 62 बूथों पर कांगे्रस जीती है, वहां अधिकांश मुस्लिम आबादी के बूथ हैं। यही नहीं, मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के बूथों पर भी भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा है। सिरौली व दरऊ क्षेत्र के कई बूथों पर भाजपा को 7-12 प्रतिशत तक वोट मिले हैं।
कोई नया काम नहीं जोड़ पाये बेहड़ : शुक्ला
पूर्व विधायक ने कहा कि कांगे्रस के विधायक केवल विवाद उत्पन्न करने तक ही सीमित रहे। उनके विधायक रहते उन्होंने जिन कामों की शुरुआत करवायी या उनके प्रस्ताव को मंजूर करवाया, बेहड़ उनमें कोई नया विकास कार्य जोड़ नहीं पाये। कहा कि उन्होंने किच्छा में विधायक रहते डिग्री कॉलेज, एम्स, हाईटेक बस अड्डा सहित तमाम विकास कार्यों को करवाया, लेकिन आज विधायक केवल विवादों को जन्म देने का ही काम कर रहे हैं।
2022 की हार को अब दोगुना कर जीत में बदला
शुक्ला ने कहा कि २०२२ के विधानसभा चुनाव में लगभग दस हजार वोटों से पिछडऩे के बाद हमने रुकने का काम नहीं किया। हम लगातार क्षेत्र में लोगों के बीच रहे। लोग देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कामों से खुश हैं। यही कारण रहा है कि किच्छा में हमारी मेहनत काम आयी और हमने अपनी पिछली हार का बदला दोगुना वोट पाकर लिया।
धामी सरकार को मिले शत प्रतिशत अंक
पूर्व विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व से उत्तराखंड में भाजपा पांचों सीट पर चुनाव जीती। ऐसे में धामी सरकार को पूरे सौ प्रतिशत नम्बर मिले हैं। धामी सरकार ने लगातार तीसरी बार पांच सांसद देकर मोदीजी के विजन को पूरा करने का काम किया है।
मेरा मान बढ़ाने के लिये किच्छा की जनता का शुक्रिया
शुक्ला ने कहा कि किच्छा की जनता ने लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट को जीतकर मेरा भी मान बढ़ाया है। कहा कि पार्टी ने उनको संयोजक के रूप में जो जिम्मेदारी दी थी, उसे पूरा करने में किच्छा के लोगों ने उनका साथ दिया है। हमने कार्यकर्ताओं की मेहनत से किच्छा के 160 बूथों में से 18 बूथों पर विजयी हासिल की है। कहा कि किच्छा के अपने बूथ पर कांग्रेस को 401 वोटों से हराया है।
पुत्र को उत्तराधिकारी घोषित करने से कांगे्रसी निराश
शुक्ला ने कहा कि विधायक बेहड़ ने अपने पुत्र को उत्तराधिकारी घोषित कर पार्टी के नेताओं को निराश किया है।