देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में एक बार फिर से महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपे जाने की पूरी तैयारी है। सोमवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हुई, जिसमें केवल भट्ट ने ही अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस प्रकार उनका निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है। पार्टी की प्रांतीय परिषद की मंगलवार को होने वाली बैठक में केंद्रीय चुनाव अधिकारी हर्ष मल्होत्रा भट्ट के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन की औपचारिक घोषणा करेंगे।
शीर्ष नेतृत्व ने किया समर्थन
महेंद्र भट्ट के नामांकन पत्र पर कुल पांच सेटों में दस प्रमुख नेताओं ने प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर किए। इन प्रस्तावकों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद अनिल बलूनी, अजय भट्ट, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, संगठन महामंत्री अजेय कुमार, पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह और कल्पना सैनी जैसे नाम प्रमुख हैं। इससे साफ है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भट्ट के नेतृत्व को लेकर पूरी तरह एकमत है।
वरिष्ठों को मिली राष्ट्रीय परिषद में जगह
राष्ट्रीय परिषद सदस्य के लिए भी सोमवार को नामांकन प्रक्रिया पूरी हुई। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, सांसद अजय भट्ट, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और कल्पना सैनी ने नामांकन किया। सभी दिग्गज नेताओं का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है।
वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की मौजूदगी
नामांकन प्रक्रिया के दौरान प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह चुनाव अधिकारी पुष्कर काला, मीरा रतूड़ी, राकेश गिरी, प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कोली, मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद रहे। संगठन चुनाव की यह प्रक्रिया बेहद शांतिपूर्ण और एकमत वातावरण में संपन्न हुई।
संगठन में अनुभव और संतुलन की झलक
महेंद्र भट्ट का दोबारा चुना जाना भाजपा की उस रणनीति को दर्शाता है जिसमें अनुभव और स्थिरता को प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही राष्ट्रीय परिषद में अनुभवी नेताओं को शामिल कर पार्टी ने 2024 के बाद के राजनीतिक परिदृश्य में संगठनात्मक मजबूती का संकेत दिया है।
अब मंगलवार को औपचारिक घोषणा के साथ भट्ट के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत होगी और राष्ट्रीय परिषद में नए सदस्य भी अपनी जिम्मेदारियां संभालेंगे।
