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Friday, November 22, 2024

Darjeeling : मेमो सिग्नल मिलने के बाद भी बड़ी लापवाही, जानें कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे की बड़ी वजह….

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पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हुए ट्रेन हादसे की चौंकाने वाली वजह सामने आई है। हादसे से कुछ मिनट पहले ही रेलवे के कर्मचारियों को सचेत किया गया था। इसके बावजूद घोर लापरवाही बरती गई और कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना का शिकार हो गई। ट्रेन के इस भीषण हादसे में 10 की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे की लापरवाही की जो नई जानकारी सामने आई है उसमें बताया गया कि रेलवे ने दोनों ट्रेनों के लोको पायलट (ड्राइवर) को रंगपानी स्टेशन (RNI) और चटरहाट स्टेशन (CAT) के बीच ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम में खराबी की पहले से ही जानकारी दी थी। इन दो स्टेशनों में सिग्नल की खराबी को लेकर रेलवे ने सोमवार सुबह 8:05 बजे लिखित नोट यानी मेमो भी जारी किया गया था।

50 मिनट बाद ही हो गया हादसा

दोनों ड्राइवरों को सोमवार सुबह 8:05 बजे सिग्नल में आई खराबी का मेमो जारी किया गया और उसके 50 मिनट बाद ही तेज रफ्तार मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। कंचनजंगा एक्सप्रेस सुबह 8:55 बजे रंगपानी स्टेशन क्रॉस ही किया था तभी माल गाड़ी की टक्कर से ट्रेन बेपटरी हो गई। हादसे के बाद घटना स्थल पर चीख पुकार मच गई। 

कब दिया जाता है मेमो?

बता दें कि रेलवे कर्मचारियों द्वारा नोट (मेमो) आटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम काम नहीं करने की स्थिति में लोको पायलट को सभी रेड सिग्नल क्रॉस करने की मंजूरी दी जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि मालगाड़ी के ड्राइवर को मेमो नहीं भी मिला तो उसे प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था। इस दौरान ट्रेन की स्पीड को 10 किलोमीटर प्रति घंटे की की रखनी थी। मालगाड़ी के ड्राइवर द्वारा ऐसा नहीं किया गया और हादसा हो गया।

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