–30 साल की उम्र में साहिल को मिली बड़ी उपलब्धि, रेनबो पब्लिक स्कूल से हुई स्कूली शिक्षा
रुद्रपुर (उधमसिंह नगर)। रुद्रपुर निवासी साहिल ने एक बार फिर भारत का नाम वैश्विक मंच पर रोशन कर दिया है। साहिल को संयुक्त राष्ट्र के IIMSAM (Intergovernmental Institution for the Use of Micro-algae Spirulina Against Malnutrition) का राजदूत नियुक्त किया गया है। वह इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले भारतीय हैं।
पहले भी निभा चुके हैं अहम भूमिकाएं
साहिल इससे पहले महज 27 साल की उम्र में स्टेट ऑफ अफ्रीकन डायस्पोरा के प्रधानमंत्री डॉ. लुइस जॉर्ज टिन के सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं। इसके अलावा वे मॉडल यूनाइटेड नेशन के डेलीगेट भी रह चुके हैं।
स्थानीय से वैश्विक स्तर तक का सफर
साहिल की स्कूली शिक्षा रुद्रपुर के रेनबो पब्लिक स्कूल में हुई। उनके पिता सेवा सिंह ठेकेदारी के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनकी माता का अप्रैल में कोरोना के कारण निधन हो गया था। साहिल वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं, जबकि उनका परिवार रुद्रपुर के ग्रीन पार्क में रहता है।
कुपोषण के खिलाफ विश्वस्तरीय मुहिम का हिस्सा
राजदूत बनने के बाद साहिल का लक्ष्य अफ्रीकी और अन्य गरीब देशों में कुपोषण की समस्या को दूर करना है। उन्होंने बताया कि वह विकसित देशों के साथ मिलकर इस दिशा में समन्वित प्रयास करेंगे। भारत में भी IIMSAM पहले इस दिशा में काम कर चुकी है—2020 में अभिनेता संजय दत्त के साथ मिलकर एक मिलियन स्पिरुलिना कुपोषित बच्चों को वितरित की गई थी।
IIMSAM की पृष्ठभूमि
IIMSAM वर्ष 2001 से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के आर्टिकल 102 के अंतर्गत कार्यरत है और वैश्विक पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।