शिवम शर्मा, रुद्रपुर। जिले के खनन अधिकारी अमित गौरव का सरकारी नम्बर नहीं उठ रहा है। यही नहीं, अवैध खनन को लेकर किये गये सवाल पर उन्होंने चैनल को बाइट देने से भी इनकार कर दिया है। उनके इस व्यवहार से उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल तो खड़े हो ही रहे हैं। साथ ही अधिकारी पर किसी तरह का दबाव होने का भी संशय भी हो रहा है।

दरअसल, जिले के किच्छा क्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन का गोरखधंधा जोरों पर चल रहा है। यही नहीं, खनन के वाहनों में ओवरलोडिंग कर राजस्व को चूना भी लगाया जा रहा है। ऐसे में विपक्ष द्वारा लगातार प्रशासन की मिलीभगत के आरोप लगाये जा रहे हैं। इसको लेकर सोमवार को न्यूज प्रिन्ट द्वारा खनन अधिकारी अमित गौरव से सरकारी नम्बर पर उनका वर्जन जाना गया तो उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई करने तथा ओवरलोड वाहनों के फोटो उपलब्ध कराने की बात कही थी। लेकिन इसके बाद से खनन अधिकारी का सरकारी नम्बर नहीं उठ रहा है। यही नहीं, उन्होंने बुधवार को न्यूज प्रिन्ट चैनल को बाइट देने से भी मना कर दिया। ऐसे में उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं। कि आखिर क्यों खनन अधिकारी सरकारी नम्बर उठाने तथा बाइट देने से कतरा रहे हैं? क्या उनपर किसी तरह का कोई दबाव है? बहरहाल, प्रशासन के मूकदर्शक बने रहने से खनन माफियाओं के हौसले बढ़ते जा रहे हैं। जिससे ना सिर्फ भाजपा सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावों की धज्जियां उड़ रही है बल्कि राजस्व को चपत भी लग रही है।

खनन को लेकर दो पक्षों के भिडऩे की भी चर्चा
किच्छा। खनन कारोबार में वर्चश्व को लेकर जिले में तमाम घटनाएं समय-समय पर होती रही हैं। बावजूद इसके प्रशासन के द्वारा इसको लेकर कोई ठोस कदम पहले से नहीं उठाये जाते हैं। यही कारण है कि जिले में खनन को लेकर कई घटनाएं पूर्व में घटित हो चुकी हैं। विगत दिनों पूर्व किच्छा में भी कुछ इसी तरह की घटना होने की संभावना बनने की चर्चा है। सूत्रों की माने तो विगत दिनों पूर्व किच्छा में काली मंदिर के पीछे गोला नदी पर खनन पट्टे को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गये। जिसमें से एक पक्ष के द्वारा दूसरे पक्ष पर पिस्तल ताने जाने की भी चर्चा काफी है। हालांकि, इस मामले में कोई कुछ भी बोलने को राजी नहीं है।
