नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को 54,000 करोड़ रुपये से अधिक के सैन्य आधुनिकीकरण प्रस्तावों को प्रारंभिक मंजूरी दे दी। इनमें ब्रह्मोस मिसाइलों, छह ‘नेत्र’ हवाई पूर्व चेतावनी और नियंत्रण (AEW&C) विमानों, टी-90 टैंकों के लिए उन्नत रूसी इंजन, नौसेना के लिए विमान-भेदी मिसाइलों और टॉरपीडो सहित कई महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद शामिल है।
टी-90 टैंक के लिए 1350 एचपी इंजन की मंजूरी
डिफेंस काउंसिल ने भारतीय सेना के टी-90 टैंकों के लिए वर्तमान 1,000 एसपी इंजन को अपग्रेड करने के लिए 1350 एचपी इंजन की खरीद को मंजूरी दी है। यह अपग्रेड टैंकों की युद्धक्षेत्र गतिशीलता को बढ़ाएगा, विशेषकर उच्च इलाकों में जहां ये टैंक बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो की खरीद की मंजूरी
भारतीय नौसेना के लिए वरुणास्त्र टॉरपीडो की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। यह स्वदेशी पनडुब्बी रोधी टॉरपीडो है, जिसे भारतीय नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा विकसित किया गया है। इसकी अतिरिक्त आपूर्ति से नौसेना की पनडुब्बी रोधी क्षमता में इजाफा होगा।
भारतीय वायुसेना को मिलेंगे एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान
भारतीय वायुसेना के लिए ए.ई.डब्ल्यू.एंड.सी. विमान की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। ये सिस्टम युद्ध के पूरे स्पेक्ट्रम में भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाएंगे और इसके संचालन में सुधार करेंगे।
2025 को “सुधारों के वर्ष” के रूप में मनाने की दिशा में कदम
रक्षा मंत्रालय ने 2025 को “सुधारों के वर्ष” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत, रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में समयसीमा को कम करने के लिए दिशानिर्देशों को मंजूरी दी गई है, ताकि अधिक प्रभावी और कुशल तरीके से हथियारों की खरीद की जा सके।
भारतीय सेना की वर्तमान शक्ति
भारतीय सेना फिलहाल दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना मानी जाती है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के अनुसार, भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथे स्थान पर है। भारतीय सेना के पास 14 लाख एक्टिव सैनिक और 9 लाख रिजर्व सैनिक हैं, और रक्षा बजट 75 अरब डॉलर का है। थल सेना के पास 4,614 टैंक (टी-90, अर्जुन), 3,500+ आर्टिलरी, और 702 रॉकेट सिस्टम हैं। वायु सेना के पास 2,200 विमान हैं, जिनमें 600 लड़ाकू जेट (राफेल, सुखोई) और 899 हेलीकॉप्टर शामिल हैं। नौसेना में 295 संपत्तियां हैं, जिनमें 2 विमानवाहक पोत, 12 विध्वंसक और 18 पनडुब्बियां शामिल हैं।
“मेक इन इंडिया” के तहत स्वदेशी तकनीक पर जोर
भारत अपनी सैन्य शक्ति को और मजबूत करने के लिए “मेक इन इंडिया” पहल के तहत स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा दे रहा है। इस पहल के तहत, तेजस, अग्नि मिसाइलें और ड्रोन जैसे स्वदेशी उत्पादों की ओर ध्यान दिया जा रहा है, साथ ही परमाणु क्षमता और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में भी प्रगति हो रही है।
चुनौतियां और भविष्य की दिशा
हालांकि भारतीय सेना क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली बनी हुई है, फिर भी स्क्वाड्रन की कमी, बजट सीमाएं और साइबर युद्ध में विकास की जरूरत जैसी चुनौतियां सामने आ रही हैं। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।